सनातन धर्म में ईश्वर की कृपा प्राप्त और उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा कई तरह से की जाती है। कोई पूजा के दौरान कोई शंख बजाता है, तो कोई घंटी बजाकर भगवान से प्रार्थना करता है। शंख का इस्तेमाल प्राचीन समय से धार्मिक और मांगलिक कार्यों में किया जाता रहा है। शंख को पूजा के वक्त बजाना शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, शंख बजाने से सुख-समृद्धि समेत कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं पूजा के दौरान शंख बजाने से कौन से धार्मिक फायदे मिलते हैं।
शंख बजाने के धार्मिक फायदे
-पूजा के समय में शंख बजाने से आसपास का वातावरण शुद्ध होता है।
-शंख की ध्वनि पूजा-पाठ के लिए प्रेरित करती है। मान्यता के अनुसार, शंख की पूजा करने से साधक की मनचाही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
-रोजाना पूजा के दौरान शंख बजाने से लोगों के मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
-मान्यता है कि शंख में धन की देवी मां लक्ष्मी निवास करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शंख को मां लक्ष्मी का भाई भी कहा जाता है।
-वैज्ञानिकों की माने तो शंख बजाने से आसपास के जीवाणु और कीटाणु खत्म हो जाते हैं।
-आयुर्वेद के अनुसार, शंख बजाने से पथरी और पीलिया समेत कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
-भगवान श्रीहरि की पूजा में शंख का इस्तेमाल बेहद शुभ माना गया है। वहीं, भगवान शिव की पूजा में शंख बजाना वर्जित है।
शंख को कहां और कैसे रखें?
शास्त्रों में शंख को रखने के नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में शंख को जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की प्रतिमा के दायी तरफ रखना चाहिए। इसके अलावा आप शंख को घर की उत्तर पूर्व या उत्तर दिशा में रख सकते हैं। शंख को किसी पात्र या कपड़े के ऊपर रखें।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।