यहां जानिए भगवान शिव को त्रिपुंड लगाने का सही नियम

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व का खास महत्व है। यह फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन जो साधक भोलेनाथ की पूजा विधि अनुसार करते हैं उन्हें उनका पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन की पूजा को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं, जिनका पालन बेहद जरूरी है।

वहीं अगर आप भगवान शिव को चंदन का त्रिपुंड लगाते हैं, तो आपको इसका नियम अवश्य ही जान लेना चाहिए, जो शिव पूजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। तो आइए जानते हैं –

त्रिपुंड लगाने का सही नियम

शिवलिंग पर त्रिपुंड लगाने के लिए लोग कई तरह के नियमों का पालन करते हैं, लेकिन सही तरीका बहुत कम लोगों की ही पता है। शिवपुराण के अनुसार, त्रिपुंड तीनों उंगलियों को चंदन या भस्म में डुबोने के बाद मध्यमा और अनामिका से शिवलिंग पर लकीर खिंचना चाहिए, जब लकीरें बन जाए, तो अंत में तर्जनी उंगली में लगे चंदन से अनामिका उंगली से बनी लकीर के बाद एक खीच शिवलिंग पर त्रिपुंड बनाना चाहिए। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मन में शिव मंत्रों का जाप लगातार करते रहें।

महाशिवरात्रि पर इस दौरान लगाएं त्रिपुंड

प्रथम प्रहर की पूजा 8 मार्च शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात्रि 09 बजकर 28 मिनट तक होगी। दूसरे प्रहर में पूजा रात्रि 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च रात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक होगी। वहीं, तीसरे प्रहर की पूजा 9 मार्च रात्रि 12 बजकर 31 मिनट से सुबह 03 बजकर 34 मिनट तक होगी। इसके बाद चतुर्थ प्रहर की पूजा 9 मार्च सुबह 03 बजकर 34 मिनट से सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक होगी।

महाशिवरात्रि पूजन मंत्र

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
  • ।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।
  • शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
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