कब रखा जाएगा पापमोचनी एकादशी का व्रत?

पापमोचनी एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं और यह साल की अंतिम एकादशी होती। हर एकादशी का अपना एक खास महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल यह व्रत 05 अप्रैल को रखा जाएगा। तो आइए इसकी पूजा विधि और मुहूर्त के बारे में जानते हैं –

पापमोचनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 04 अप्रैल, 2024 दिन बृहस्पतिवार शाम 04 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 05 अप्रैल, 2024 दिन शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर होगा। उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए इसका उपवास 05 अप्रैल को रखा जाएगा।

पापमोचनी एकादशी की पूजा विधि
सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद अपने घर व पूजा घर को साफ करें।
एक चौकी पर भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
भगवान का पंचामृत से स्नान करवाएं।
पीले फूलों की माला अर्पित करें।
हल्दी या गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं।
विष्णु जी का ध्यान करें।
पूजा में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें।
आरती से पूजा को समाप्त करें।
पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
अगले दिन पूजा के बाद प्रसाद से अपना व्रत खोलें

भगवान विष्णु पूजन मंत्र
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

घर में चाहते हैं सुख और समृद्धि का आगमन, तो इस चमत्कारी स्तोत्र का करें पाठ
इन रंगों से लड्डू गोपाल के साथ खेलें होली

Check Also

राजा दक्ष को क्यों लगाया था भगवान शंकर ने बकरे का सिर?

सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा बेहद शुभ मानी गई है। अगर आप उन्हें …