पापमोचनी एकादशी का व्रत दिलाएगा सभी पापों से मुक्ति

 पापमोचनी एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह साल की अंतिम एकादशी होती है। एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल यह उपवास 05 अप्रैल को रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन का उपवास रखते हैं उन्हें जन्मों जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है, तो चलिए इसके बारे में जानते हैं –

पापमोचनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 04 अप्रैल, 2024 दिन बृहस्पतिवार शाम 04 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही इसका समापन अगले दिन 05 अप्रैल, 2024 दिन शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए इस दिन का व्रत 05 अप्रैल को रखा जाएगा।

पापमोचनी एकादशी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

इस दिन का उपवास भक्त शांतिपूर्ण जीवन जीने और अपनी पिछली गलतियों की क्षमा के लिए करते हैं। इस व्रत का महत्व स्वयं भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को समझाया था और यह भविष्योत्तर पुराण में पाया जा सकता है। यह एकादशी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के दौरान आती है। पापमोचनी दो शब्दों से मिलकर बना है – पाप और ‘मोचनी’। इसका अर्थ है पाप समाप्त करने वाला। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए और अपने सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है।

पापमोचनी एकादशी पूजन मंत्र

  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
  • ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
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