सनातन परंपरा में अमावस्या तिथि का बेहद महत्व है। अगर यह तिथि सोमवार या शनिवार को पड़े तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। यह दिन पितरों की पूजा और तर्पण के लिए समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन हर किसी को करना चाहिए, तो आइए उन नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं –
सोमवती अमावस्या तिथि और मुहूर्त
इस बार चैत्र मास की अमावस्या तिथि 8 अप्रैल, 2024 दिन सोमवार प्रात: 03 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन उसी दिन 8 अप्रैल, 2024 रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को ही मनाई जाएगी।
सोमवती अमावस्या तिथि पर क्या करें ?
अपने पितरों को भोजन, जल और अन्य वस्तुएं अर्पित करें।
तर्पण और श्राद्ध कर्म करें।
पितृ गायत्री मंत्र या अपने पूर्वजों को समर्पित अन्य मंत्रों का जाप करें।
धर्मग्रंथों का पाठ करें।
गंगा या अन्य पवित्र नदियों में डुबकी लगाएं।
दान करें और जरूरतमंदों की मदद करें।
पूजा-पाठ पर ज्यादा से ज्यादा जोर दें।
बड़ों का सम्मान करें।
इस तिथि पर धार्मिक स्थानों पर अवश्य जाएं।
भगवान विष्णु की पूजा करें।
सोमवती अमावस्या तिथि पर क्या न करें?
मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन न करें।
कुछ खाने की चीजें जैसे- चना, मसूर दाल, सरसों का साग और मूली न खाएं।
जानवरों को परेशान न करें।
किसी का अपमान करने से बचें।
कोई भी शुभ समारोह जैसे शादी या सगाई न करें।
इस तिथि पर क्रोध करने से बचें।
इस तिथि पर कोई भी ऐसा कार्य न करें, जिससे पितृ दोष लगे।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।