नवरात्र में बोए हुए जौ से करें ये उपाय

चैत्र नवरात्र का पर्व अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। साथ ही कलश के चारों ओर जौ बोने की परंपरा है। इसे ज्वार के नाम से भी जाना जाता है। बहुत कम लोगों को जानकारी है कि नवरात्र के बाद जौ का क्या करना चाहिए। चलिए जानते हैं उगे हुए जौ का क्या करना चाहिए।

 चैत्र नवरात्र का त्योहार पूरे भारतवर्ष में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान अलग-अलग दिन माता रानी के नौ रूपों की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही जीवन में सुख और शांति के लिए व्रत किया जाता है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। साथ ही कलश के चारों ओर जौ बोने की परंपरा है। इसे ज्वार के नाम से भी जाना जाता है। बहुत कम लोगों को जानकारी है कि नवरात्र के बाद जौ का क्या करना चाहिए। चलिए जानते हैं उगे हुए जौ का क्या करना चाहिए।

इसलिए बोए जाते हैं जौ

चैत्र नवरात्र में बोए जाने वाले जौ को लेकर मान्यता है कि यह जितने अच्छे और लंबे होते हैं उस घर में उतनी ही ज्यादा सुख-समृद्धि का आगमन होता है। नवरात्र के पहले दिन पूजा के दौरान जौ बोए जाते हैं। मिट्टी के बर्तन में जौ बोना अच्छा माना जाता है। अगर मिट्टी का बर्तन नहीं है, तो स्टील के बर्तन में बोया जा सकता है।

बोए हुए जौ का क्‍या करें?

  • यदि आप जीवन में आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो धन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए विसर्जन के पश्चात थोड़े जौ को लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है।
  • अगर आप जीवन में वास्तु दोष का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में जवारे को लाल वस्त्र में रख घर के मुख्य दरवाजे पर बांध दें। मान्यता है कि यह उपाय करने से घर में व्याप्त नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
  • ज्ञान की प्राप्‍त‍ि के लिए आप जौ के दानों को बच्‍चों की क‍िताबों में रख दें। माना जाता है कि ऐसा करने से ज्ञान की प्राप्‍त‍ि होती है।

जौ उगने के शुभ संकेत

  • जौ का बड़ा होना भी शुभ माना गया है। जौ अधिक बड़े होने से खुशहाली और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  • यदि जौ हरे और सफेद रंग के होते हैं, तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। इससे मां प्रसन्न होती हैं।
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