क्या अंतर है रामा और श्यामा तुलसी में, कौन सी है घर के लिए शुभ

औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी का उपयोग न सिर्फ आयुर्वेद में किया जाता है. बल्कि ये आदिकाल से ही सनातनी धर्म में एक महत्वपूर्ण पूजनीय स्थान रखती है. हिंदू धर्म में प्रत्येक घर में आपको तुलसी का पौधा लगा मिल जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है. तुलसी में बुधवार और रविवार छोड़कर नियमित रूप से जल अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है. तुलसी दो प्रकार की होती है, एक रामा तुलसी और एक श्यामा तुलसी. दोनों में क्या अंतर है और इनका क्या महत्व है? आइए जानते हैं.

रामा तुलसी
रामा तुलसी का रंग उज्जवल और हरा होता है. यदि इसके स्वाद की बात की जाए तो खाने पर यह मीठी प्रतीत होती है. इसे सामान्यतः श्री तुलसी, भाग्यशाली तुलसी और उज्जवल तुलसी के नाम से भी जाना जाता है.

श्यामा तुलसी
श्यामा तुलसी का रंग गहरा बैंगनी होता है. स्वाद की बात की जाए तो ये रामा तुलसी जितनी मीठी नही होती. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये तुलसी भगवान कृष्ण को बेहद प्रिय है.

घर में कौन सी तुलसी लगाना शुभ?
हिंदू धर्म में आमतौर पर घर में दोनों ही तरह की तुलसी के पौधे लगाए जाते हैं. परंतु दोनों में से एक को लगाने के बारे में कुछ पंडितों का कहना है, कि घर में लगाने के लिए सर्वोत्तम रामा तुलसी होती है. ये घर में सुख समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है. कई लोग तुलसी की पूजा नियम से करते हैं, और रोज शाम को तुलसी पर दीपक लगाते हैं. रामा तुलसी का पूजा पाठ में भी विशेष स्थान बताया गया है. घर में आप श्यामा तुलसी को भी लगा सकते हैं, लेकिन इसका उपयोग पूजा पाठ से ज्यादा औषधि के लिए किया जाता है.

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