8 या 9 मई, कब है वैशाख अमावस्या?

हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का अहम महत्व है। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। इस तिथि पर पितरों की पूजा करने के विधान है। साथ ही पितरों का तर्पण और श्राद्ध भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करने से पितर सुख- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बेहद खास महत्व है। इस तिथि पर पितरों की पूजा करने के विधान है। साथ ही पितरों का तर्पण और श्राद्ध भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से पितर सुख- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस बार वैशाख अमावस्या की डेट को लेकर लोग अधिक कन्फ्यूज हो रहे हैं। कुछ लोग वैशाख अमावस्या 08 मई की बता रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग वैशाख अमावस्या 09 मई को मनाने की बात कह रहे हैं। आइए इस लेख में हम आपको हिंदू पंचांग के अनुसार बताएंगे कि वैशाख अमावस्या किस तारीख को मनाई जाएगी?

वैशाख अमावस्या 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, वैशाख के माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 07 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट से होगी और इसका समापन 08 मई को सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में वैशाख अमावस्या 08 मई को मनाई जाएगी।

अमावस्या की पूजा विधि 

वैशाख अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद पवित्र नदी या फिर घर में स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। पितरों का तर्पण करें। इसके अलावा पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत भी रखें और मंत्रो का जाप करें। अंत में अपनी श्रद्धा अनुसार विशेष चीजों का गरीबों को दान करें।

इन मंत्रों का करें जाप

1. ॐ पितृ देवतायै नम:

2. ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।

3. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च

नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

4. गोत्रे अस्मतपिता (पितरों का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम

गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।

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