अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2024) पर लोग पूजा-पाठ खरीदारी व दान जैसे शुभ कार्य करते हैं। ऐसा करने से उनके धन में वृद्धि होती है। साथ ही घर में बरकत का वास होता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपके घर कभी पैसों की कमी न रहे तो आपको अक्षय तृतीया के दिन धन की देवी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता है। यह पवित्र दिन माता लक्ष्मी, भगवान श्री हरि विष्णु, कुबेर देव की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ, खरीदारी व दान जैसे शुभ कार्य करते हैं, उनके धन में वृद्धि होती है। साथ ही घर में बरकत का वास होता है। बता दें, अक्षय तृतीया आज यानी 10 मई, 2024 को मनाई जा रही है।
ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपके घर कभी पैसों की कमी न रहे, तो आपको अक्षय तृतीया के दिन धन की देवी की पूजा के बाद उनके वैदिक मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही उनकी पूजा बिना आरती के नहीं समाप्त करना चाहिए, तो आइए यहां पढ़ते हैं –
अक्षय तृतीया पर करें इन मंत्रों का जाप
सुख-सौभाग्य के लिए
1. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
धन और वैभव के लिए
2. या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
धन प्राप्ति के लिए
3. ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
॥माता लक्ष्मी की आरती॥
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।