सनातन धर्म के अनुयायी शुक्रवार के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही शुक्रवार के दिन लक्ष्मी वैभव व्रत भी रखते हैं। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों ही करते हैं। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिष भी धन संबंधी समस्या को दूर करने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा करने की सलाह देते हैं। अगर आप भी धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें और मंत्रों का जप करें। वहीं, पूजा के अंत में ये आरती जरूर करें।
श्री लक्ष्मीनारायण आरती
ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।
सत्य नारायण स्वामी, जन पातक हरणा।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
रतन जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे।
नारद करत निरंतर, घंटा ध्वनि बाजे।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
प्रगट भए कलि कारण, द्विज को दरश दियो।
बूढो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
दुर्बल भील कराल जिन पर कृपा करी।
चंद्रचूड़ एक राजा जिनकी विपति हरी।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दिनी।
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्ही।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
भाव भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धरयो।
श्रद्धा धारण किन्ही तिनको काज सरयो।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी ।
मन वांछित फल दीन्हो, दीन दयाल हरी।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
चढ़त प्रसाद सवायो कदली फल मेवा ।
धूप दीप तुलसी से राजी सत्यदेव।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
श्री सत्यनारायण जी की आरती जो कोई नर गावे।
तन मन सुख सम्पति, मन वांक्षित फल पावे।।
ॐ जय लक्ष्मी रमणा…
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।