हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का विषय महत्व माना गया है। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इस तिथि पर मुख्य रूप से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं एकादशी के खानपान संबंधी नियम।
मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त (Mohini Ekadashi Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी 02 जून को प्रातः 03 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 03 जून को मध्य रात्रि 01 बजकर 11 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत 02 जून, रविवार को किया जाएगा।
इतने प्रकार के होते हैं व्रत
एकादशी व्रत रखने के चार तरीके बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं –
- जलाहर – व्रत के इस प्रकार में केवल जल ग्रहण करते हुए एकादशी व्रत किया जाता है।
- क्षीर भोजी – व्रत के इस प्रकार में केवल दुग्ध से बने पदार्थों का सेवन किया जाता है, जैसे दूध, दही आदि।
- फलाहारी – जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है। इस प्रकार के एकादशी के व्रत में केवल फलों का सेवन किया जाता है।
- नक्तभोजी – यह व्रत का सबसे लोकप्रिय तरीका है। जिसमें सूर्यास्त से पहले फलाहार किया जाता है। व्रत में खाई जाने वाली चीजों जैसे – साबूदाना, शकरकंद, सिंघाड़ा आदि द्वारा रात में अपना व्रत खोला जाता है। इस दौरान अन्न जैसे गेहूं या फिर चावल का सेवन करना निषेध माना गया है।
खा सकते हैं ये चीजें
एकादशी व्रत में साधक साबूदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, कुट्टू का आटा, आलू, काली मिर्च, सेंधा नमक, सिंघाड़े का आटा, राजगीरे का आटा और चीनी आदि का सेवन किया जा सकता है। क्योकि ये सभी चीजें एकादशी के नक्तभोजी व्रत नियम में आती हैं।
एकादशी व्रत में न खाएं ये चीजें
एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चावल या फिर चावल से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत न करने वाले को भी इस दिन मांस-मदिरा, लहसुन, प्याज और मसूर की दाल आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि व्रत करने वाले को खाने में सामान्य नमक और लाल मिर्च का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।