हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि जिस जातक की कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है उसे जीवन में खूब तरक्की मिलती है। वहीं कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होने पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता को समर्पित माना गया है, ठीक उसी तरह शनि देव के लिए शनिवार का दिन समर्पित माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शनि देव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता भी कहा जाता है। ऐसे में 06 जून, गुरुवार के दिन शनि जयंती मनाई जा रही है। इस तिथि पर आप विशेष कुछ उपायों द्वारा शनि ग्रह के बुरे प्रभाव (Shani Dosh tips) से मुक्ति पा सकते हैं, तो चलिए जानते हैं वह उपाय।
कम होगा साढ़ेसाती के प्रभाव
पौराणिक मन्यताओं के अनुसार, शनि जयंती पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से साढ़ेसाती के प्रभाव को कम किया जा सकता है। पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को मोर पंख और बांसुरी अर्पित करें। इसके साथ ही शनि जयंती पर भगवान हनुमान का पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। शनि जयंती के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे भी शनि देव की कृपा दृष्टि आपके ऊपर बनी रहती है।
बुरे परिणामों से मिलेगी मुक्ति
शनि जंयती के दिन शनि मंदिर जाकर शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं और सरसों का दीपक भी लगाए। इसके साथ ही काले वस्त्र और तिल भी अर्पित करें। इस विशेष दिन पर पीपल के पेड़ की पूजा करने और जल चढ़ाने से भी आपको शनि ग्रह के बुरे परिणामों से मुक्ति मिल सकती है।
करें इन मंत्रों का जाप
शनि जयंती के अवसर पर आप शनि देव की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इससे कुंडली में शनि मजबूत होता है –
ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:
वैदिक मंत्र – ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
एकाक्षरी मंत्र – ॐ शं शनैश्चाराय नमः।
महामृत्युंजय मंत्र – ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।