ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजा से पहले नोट कर लें सामग्री

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों विशेषकर गंगा नदी में डुबकी लगाने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही इस दिन दान और पुण्य का भी महत्व है। बता दें इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून को मनाई जाएगी।

 ज्येष्ठ पूर्णिमा हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह सबसे शुभ दिनों में से एक है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ का मतलब है सबसे वरिष्ठ या बड़ा। ज्येष्ठ महीने का हिंदुओं में खास महत्व है। ऐसे में जब इस दौरान पूर्णिमा तिथि आती है, तो उसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इस तिथि पर लोग भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। साथ ही घर में सत्यनारायण कथा का अनुष्ठान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों विशेषकर गंगा नदी में डुबकी लगाने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

इसके साथ ही इस दिन दान और पुण्य का भी महत्व है। बता दें, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) 22 जून, 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए पूजा करने से पहले इसकी पूजन सामग्री नोट कर लेते हैं –

ज्येष्ठ पूर्णिमा की सामग्री लिस्ट 

  • भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा
  • वेदी
  • खड़े अक्षत
  • सिंदूर
  • दीपक
  • घी
  • पंचामृत
  • रोली
  • धुप
  • गोपी चंदन
  • बत्ती
  • मिठाई
  • गंगाजल
  • कमल और पीले फूलों की माला
  • लाल कपड़ा
  • हवन सामग्री
  • शुद्ध जल आदि।

ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 21 जून, 2024 को प्रात: 06 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 22 जून, 2024 को प्रात: 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून, शनिवार के दिन मनाई जाएगी, लेकिन इसका व्रत 21 जून को किया जाएगा।

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