मंगल दोष दूर करने के लिए अंगारकी चतुर्थी पर करें ये उपाय

ज्योतिषियों की मानें तो मंगल दोष से पीड़ित जातक को विवाह में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई अवसर पर शादी तय होने के बाद भी टूट जाती है। साथ ही शादी के बाद वैवाहिक जीवन में भी बाधा आती है। इसके लिए मंगल दोष का निवारण जरूरी है। कई अवसर पर मंगल दोष का परिहार हो जाता है।

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस उपलक्ष्य पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ कार्य में सिद्धि प्राप्ति के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। चतुर्थी तिथि का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है। अंगारकी चतुर्थी व्रत करने से मंगल दोष का प्रभाव समाप्त होता है। साथ ही सभी रुके कार्य गतिशील हो जाते हैं। अगर आप भी मंगल दोष से पीड़ित हैं, तो कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पर विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय ये उपाय जरूर करें। इन उपायों को करने से मंगल दोष दूर हो जाता है।

उपाय

  • अगर आप मंगल दोष से पीड़ित हैं, तो मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी पर व्रत अवश्य करें। साथ ही भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से मंगल दोष दूर होता है।
  • अंगारकी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही मंगल दोष का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है।
  • भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अंगारकी चतुर्थी पर विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें। इस समय भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक, लड्डू, पान के पत्ते आदि चीजें अर्पित करें।
  • मंगल दोष से निजात पाने के लिए अंगारकी चतुर्थी पर भगवान गणेश को कुमकुम अर्पित करें। भगवान गणेश को सिंदूर अर्पित करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
  • मंगल दोष को दूर करने के लिए अंगारकी चतुर्थी तिथि पर मसूर दाल, साबुत मूंग, शहद, हरे रंग का वस्त्र, हरी सब्जियां आदि चीजों का दान करें। इस उपाय को करने से भी भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
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