ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। इन्हें बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है और यह भगवान हनुमान की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल ज्येष्ठ महीने का दूसरा बड़ा मंगल 20 मई को पड़ रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भक्ति भाव के साथ हनुमान जी की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों और संकटों का अंत होता है, तो आइए इस दिन से जुड़े कुछ अचूक उपाय के बारे में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
दूसरे बड़े मंगल का महत्व
बड़ा मंगल हनुमान जी की कृपा पाने का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, हनुमान मंदिरों में दर्शन करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ माह में भगवान हनुमान ने भगवान राम से मुलाकात की थी, इसलिए इस महीने के मंगलवारों का विशेष महत्व है।
घर के इन कोनों में जलाएं दीपक
मुख्य द्वार – घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है और जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार करता है। ऐसे में शाम के समय मुख्य द्वार के दोनों ओर दीपक जरूर जलाएं।
पूजा घर – घर के पूजा घर में भगवान हनुमान की प्रतिमा के सामने दीपक जरूर जलाएं। इससे घर में शांति और समृद्धि आती है।
तुलसी का पौधा – अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है, तो उसके पास भी एक दीपक जलाएं। तुलसी में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। इसलिए इस दिन इस स्थान पर दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
रसोई घर – रसोई घर में दीपक जलाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और बरकत बनी रहती है। यह घर की महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी शुभ माना जाता है।
बरगद का पेड़ – अगर आपके घर के आसपास कोई बरगद का पेड़ है, तो वहां भी दीपक जलाएं। ऐसा माना जाता है कि बरगद के पेड़ पर देवताओं का वास होता है और इससे हनुमान जी की कृपा मिलती है।
घर के ईशान कोण – ईशान कोण देवताओं का स्थान माना जाता है। ऐसे में इस कोने में दीपक जलाने से घर में शुभता का आगमन होता है। इसके साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
दीपक जलाने के नियम
दीपक हमेशा साफ जगह पर रखें।
दीपक में पर्याप्त मात्रा में तेल या घी डालें ताकि वह पूरी पूजा के दौरान जलता रहे।
दीपक की लौ पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें।
दीपक जलाने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ या हनुमान जी के वैदिक मंत्रों का जाप जरूर करें।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।