ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के रूप में जाना जाता है। इस बार यह शुक्रवार 23 मई को किया जाएगा। एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ धन की देवी अर्थात मां लक्ष्मी की भी पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
मां लक्ष्मी के 108 नाम
ऊँ प्रकृत्यै नम:
ऊँ विकृत्यै नम:
ऊँ विद्यायै नम:
ऊँ सर्वभूत-हितप्रदायै नम:
ऊँ श्रद्धायै नम:
ऊँ विभूत्यै नम:
ऊँ वसुन्धरायै नमः
ऊँ उदारांगायै नमः
ऊँ हरिण्यै नमः
ऊँ हेममालिन्यै नमः
ऊँ धनधान्य-कर्ये नमः
ऊँ सिद्धयै नमः
ऊँ स्त्रैणसौम्यायै नमः
ऊँ शुभप्रदायै नमः
ऊँ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः
ऊँ सुरभ्यै नम:
ऊँ परमात्मिकायै नम:
ऊँ वाचे नम:
ऊँ पद्मालयायै नम:
ऊँ पद्मायै नमः
ऊँ शुचय़ै नमः
ऊँ स्वाहायै नमः
ऊँ स्वधायै नमः
ऊँ सुधायै नमः
ऊँ धन्यायै नमः
ऊँ हिरण्मयै नमः
ऊँ लक्ष्म्यै नमः
ऊँ नित्यपुष्टायै नमः
ऊँ विभावर्यै नमः
ऊँ अदित्यै नमः
ऊँ दित्यै नमः
ऊँ दीप्तायै नमः
ऊँ वसुधायै नमः
ऊँ वसुधारिण्यै नमः
ऊँ कमलायै नमः
ऊँ कान्तायै नमः
ऊँ कामाक्ष्यै नमः
ऊँ क्रोधसंभवायै नमः
ऊँ अनुग्रहप्रदायै नमः
भगवान विष्णु के साथ-साथ लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्ति के लिए भी एकादशी तिथि खास मानी गई है। ऐसे में आप एकादशी की पूजा में लक्ष्मी जी के 108 नामों का जप कर सकते हैं।
ऊँ बुद्धयै नमः
ऊँ अनघायै नमः
ऊँ हरिवल्लभायै नमः
ऊँ अशोकायै नमः
ऊँ अमृतायै नमः
ऊँ दीप्तायै नमः
ऊँ लोकशोकविनाशिन्यै नमः
ऊँ धर्म-निलयायै नमः
ऊँ करुणायै नमः
ऊँ लोकमात्रे नमः
ऊँ पद्मप्रियायै नमः
ऊँ पद्महस्तायै नमः
ऊँ पद्माक्ष्यै नमः
ऊँ पद्मसुन्दर्यै नमः
ऊँ पद्मोद्भवायै नमः
ऊँ भास्कर्यै नमः
ऊँ बिल्वनिलयायै नमः
ऊँ वरारोहायै नमः
ऊँ यशस्विन्यै नमः
ऊँ वरलक्ष्म्यै नमः
ऊँ वसुप्रदायै नमः
ऊँ शुभायै नमः
ऊँ हिरण्यप्राकारायै नमः
ऊँ समुद्रतनयायै नमः
ऊँ पद्ममुख्यै नमः
ऊँ पद्मनाभप्रियायै नमः
ऊँ रमायै नमः
ऊँ पद्ममालाधरायै नमः
ऊँ देव्यै नमः
ऊँ पद्मिन्यै नमः