नौतपा ज्येष्ठ माह के वो नौ दिन हैं जब सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं जिससे भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है। सूर्यदेव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने पर नौतपा की शुरुआत होती है। इस दौरान सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है। इस साल नौतपा 25 मई से शुरू होकर 8 जून तक रहने वाला है।
नौतपा यानी नौ दिन तपा देने वाली गर्मी। इस अवधि को सूर्य देव की उपासना व कृप प्राप्ति के लिए बहुत ही खास माना गया है। ऐसे में आप नौतपा (Nautapa 2025) में रोजाना सूर्य देव के 108 नामों का जप करके सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
सूर्य देव के 108 नाम
- ॐ नित्यानन्दाय नमः।
- ॐ निखिलागमवेद्याय नमः।
- ॐ दीप्तमूर्तये नमः।
- ॐ सौख्यदायिने नमः।
- ॐ श्रेयसे नमः।
- ॐ श्रीमते नमः।
- ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः।
- ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः।
- ॐ सम्पत्कराय नमः।
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
- ॐ तेजोरूपाय नमः।
- ॐ परेशाय नमः।
- ॐ नारायणाय नमः।
- ॐ कवये नमः।
- ॐ सूर्याय नमः।
- ॐ सकलजगतांपतये नमः।
- ॐ सौख्यप्रदाय नमः।
- ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः।
- ॐ भास्कराय नमः।
- ॐ ग्रहाणांपतये नमः।
- ॐ वरेण्याय नमः।
- ॐ तरुणाय नमः।
- ॐ परमात्मने नमः।
- ॐ हरये नमः।
- ॐ रवये नमः।
- ॐ अहस्कराय नमः।
- ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः।
- ॐ अमरेशाय नमः।
- ॐ अच्युताय नमः।
- ॐ आत्मरूपिणे नमः।
- ॐ अचिन्त्याय नमः।
- ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः।
- ॐ अब्जवल्लभाय नमः।
- ॐ कमनीयकराय नमः।
- ॐ असुरारये नमः।
- ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः।
- ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः।
- ॐ जगदानन्दहेतवे नमः।
- ॐ जयिने नमः।
- ॐ ओजस्कराय नमः।
- ॐ भक्तवश्याय नमः।
- ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः।
- ॐ शौरये नमः।
- ॐ हरिदश्वाय नमः।
- ॐ शर्वाय नमः।
- ॐ ऐश्वर्यदाय नमः।
- ॐ ब्रह्मणे नमः।
- ॐ बृहते नमः।
- ॐ घृणिभृते नमः।
- ॐ गुणात्मने नमः।
- ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः।
- ॐ भगवते नमः।
- ॐ एकाकिने नमः।
- ॐ आर्तशरण्याय नमः।
- ॐ अपवर्गप्रदाय नमः।
- ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः।
- ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः।
- ॐ खद्योताय नमः।
- ॐ कनत्कनकभूषाय नमः।
- ॐ घनाय नमः।
नौतपा में सूर्य देव की कृपा प्राप्ति के लिए रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। इसी के साथ आप सूर्य देव की कृपा के लिए सूर्य चालीसा और सूर्य देव के 108 नामों का जप भी कर सकते हैं।
- ॐ कान्तिदाय नमः।
- ॐ शान्ताय नमः।
- ॐ लुप्तदन्ताय नमः।
- ॐ पुष्कराक्षाय नमः।
- ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः।
- ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः।
- ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः।
- ॐ नित्यस्तुत्याय नमः।
- ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः।
- ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः।
- ॐ रुग्घन्त्रे नमः।
- ॐ ऋषिवन्द्याय नमः।
- ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः।
- ॐ जयाय नमः।
- ॐ निर्जराय नमः।
- ॐ वीराय नमः।
- ॐ ऊर्जस्वलाय नमः।
- ॐ हृषीकेशाय नमः।
- ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः।
- ॐ विवस्वते नमः।
- ॐ ऊर्ध्वगाय नमः।
- ॐ उग्ररूपाय नमः।
- ॐ उज्ज्वल नमः।
- ॐ वासुदेवाय नमः।
- ॐ वसवे नमः।
- ॐ वसुप्रदाय नमः।
- ॐ सुवर्चसे नमः।
- ॐ सुशीलाय नमः।
- ॐ सुप्रसन्नाय नमः।
- ॐ ईशाय नमः।
- ॐ वन्दनीयाय नमः।
- ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः।
- ॐ भानवे नमः।
- ॐ इन्द्राय नमः।
- ॐ इज्याय नमः।
- ॐ विश्वरूपाय नमः।
- ॐ इनाय नमः।
- ॐ अनन्ताय नमः।
- ॐ अखिलज्ञाय नमः।
- ॐ अच्युताय नमः।
- ॐ अखिलागमवेदिने नमः।
- ॐ आदिभूताय नमः।
103 ॐ आदित्याय नमः। - ॐ आर्तरक्षकाय नमः।
- ॐ असमानबलाय नमः।
- ॐ करुणारससिन्धवे नमः।
- ॐ शरण्याय नमः।
- ॐ अरुणाय नमः।