प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर ऐसे प्राप्त करें राम जी की कृपा, दूर होंगे सभी कष्ट

अयोध्या के राम मंदिर के पहले तल पर आज यानी 5 जून को अभिजीत मुहूर्त और और स्थिर लग्न में रामदरबार समेत मंदिर परिसर के सात अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा है। इस दौरान आप घर बैठे प्रभु श्रीराम और राम दरबार का आशीर्वाद पा सकते हैं। इसके लिए आप राम दरबार की प्रतिमा स्थापित करें। फिर उसके सामने घी का दीपक जलाएं। फिर लाल चोला, तुलसी की माला, लड्डू, गोपी चंदन और घर पर बनी मिठाई चढ़ाएं।

इसके बाद भाव के साथ भगवान राम और मां सीता की आरती करें। इससे आप घर बैठे ही रामदरबार की कृपा का सौभाग्य पा सकते हैं, तो आइए आरती करते हैं।

।।भगवान राम की आरती।।

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।

नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।

पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।

रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।

आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।

मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।

करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।

तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।

मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

।।मां सीता आरती।। (Sita Mata Aarti)

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

जगत जननी जग की विस्तारिणी,

नित्य सत्य साकेत विहारिणी,

परम दयामयी दिनोधारिणी,

सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

सती श्रोमणि पति हित कारिणी,

पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,

पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,

त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

विमल कीर्ति सब लोकन छाई,

नाम लेत पवन मति आई,

सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,

शरणागत जन भय हरी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।

सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

पांचवे बड़े मंगल पर घर के इन प्रमुख स्थानों पर दीपक से करें ये उपाय
रवि प्रदोष व्रत  पर पूजा के समय करें इस स्तोत्र का पाठ, चमक उठेगी फूटी किस्मत

Check Also

देवशयनी एकादशी पर इस विधि से करें श्री हरि की पूजा

देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2025) हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है, क्योंकि इस …