मिथुन संक्रांति पर बन रहे हैं शुभ-अशुभ योग

आज यानी 15 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस तिथि पर सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे मिथुन संक्रांति कहा जाता है। मिथुन संक्रांति के अवसर पर सूर्य देव की पूजा-अर्चना और अर्घ्य देने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य देव की उपासना करने से साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। आज कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण ही रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं आज के पंचांग के बारे में।

तिथि: कृष्ण चतुर्थी

मास पूर्णिमांत: आषाढ़

दिन: रविवार

संवत्: 2082

तिथि: चतुर्थी दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक

योग: इंद्र दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक

करण: बलव दोपहर 03 बजकर 51 मिनट तक

करण: 16 जून को कौलव प्रातः 03 बजकर 44 मिनट तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 32 मिनट पर

सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 20 मिनट पर

चंद्रोदय: रात 10 बजकर 46 मिनट पर

चन्द्रास्त: सुबह 08 बजकर 44 मिनट पर

सूर्य राशि: वृषभ

चंद्र राशि: मकर

पक्ष: कृष्ण

शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रात: 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक

अमृत काल: दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से दोपहर 03 बजकर 58 मिनट तक

गुलिक काल: दोपहर 03:51 बजे से शाम 05:36 बजे तक

यमगंडा: दोपहर 12:22 बजे से दोपहर 02:06 बजे तक

राहु काल: शाम 05:36 बजे से शाम 07:20 बजे तक

अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: दोपहर 03 बजकर 51 मिनट से प्रात 05 बजकर 36 मिनट तक

यमगंडा: दोपहर 01 बजकर 22 मिनट से शाम 02 बजकर 06 बजे मिनट तक

राहु काल: शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 07 बजकर 20 मिनट तक
आज का नक्षत्र

आज चंद्रदेव श्रावण नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
श्रावण नक्षत्र: 16 जून को प्रात: 01:00 बजे तक

सामान्य विशेषताएं: विवेकशीलता, आत्ममंथन, संकोची, निराशावादी, मौन स्वभाव, गहराई से सुनना, सतर्क, सभ्य व्यवहार

नक्षत्र स्वामी: चंद्रमा

राशि स्वामी: शनि

देवता: विष्णु (रक्षक)

प्रतीक: कान

मिथुन संक्रांति 2025
आज यानी 15 जून को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे मिथुन संक्रांति कहा जाता है। मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं, जो बुद्धि, वाणी, शिक्षा, करियर और व्यापार के प्रतीक माने जाते हैं। वहीं, सूर्य आत्मा, आत्मविश्वास, नेतृत्व और स्वास्थ्य के कारक हैं।

इस संक्रांति के दौरान सूर्य और बुध का संयोजन व्यक्ति की सोच, संवाद और पेशेवर जीवन में नई ऊर्जा ला सकता है। सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को सम्मान, पद-प्रतिष्ठा और रोगों से मुक्ति मिलने की संभावना रहती है।

मिथुन संक्रांति अवधि-
मिथुन संक्रांति पुण्यकाल- प्रातः 06 बजकर 53 मिनट से दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक
मिथुन संक्रांति महापुण्यकाल- प्रातः 06 बजकर 53 मिनट से प्रातः 09 बजकर 12 मिनट तक

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