सनातन धर्म में कई पेड़-पौधों की पूजा करना महत्वपूर्ण माना गया है। इनमें पीपल (Peepal ke Upay) का पेड़ भी शामिल है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से जीवन में सभी सुख मिलते हैं और शनि दोष की समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही कई आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।
सनातन धर्म में पीपल पेड़ की पूजा-अर्चना करने का खास महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस पेड़ में देवी-देवताओं और पितरों का वास होता है। ऐसे में इस पेड़ की रोजाना पूजा करने से साधक को देवी-देवताओं और पितरों की कृपा प्राप्त होती है। पितृ दोष की समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में आने वाले दुख और संकट दूर होते हैं।
अगर आप भी पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से घर में सुख-शांति का वास होता है। ऐसे में आइए जानते हैं पीपल के पेड़ से जुड़े उपायों के बारे में।
सभी संकटों से मिलेगा छुटकारा
यदि आप जीवन में विजय प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए शनिवार और मंगलवार के दिन पीपल के पेड़ से जुड़े उपाय करना फलदायी साबित होता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल पेड़ के नीचे बैठकर दीपक जलाएं और विधिपूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही हनुमान जी की कृपा से सभी तरह के संकट दूर होते हैं।
शनि दोष होगा दूर
शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक (Deepak Ke Upay) जलाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से शनि दोष दूर होता है। बिगड़े काम पूरे होते हैं।
मिलेंगे कई सकारात्मक बदलाव
शनि की ढैया या साढ़े साती की समस्या को दूर करने के लिए भी पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। साथ ही करियर और आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलता है।
इन बातों का रखें ध्यान
पीपल के पेड़ नीचे केवड़े और नारियल के तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए। साथ ही दीपक जलाते समय किसी बारे के गलत न सोचें और किसी से वाद-विवाद न करें। ऐसा माना जाता है कि इस तरह की गलती को करने से जीवन में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही कामों में सफलता प्राप्त नहीं होती है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।