कामिका एकादशी का व्रत हर साल सावन महीने में एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस साल यह व्रत 21, जुलाई 2025 को पड़ रहा है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक इस व्रत को रखते हैं, उन्हें सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। एकादशी का व्रत विष्णु जी को बहुत ज्यादा प्रिय है, तो चलिए कामिका एकादशी व्रत के नियम को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
कामिका एकादशी में क्या खाएं?
कामिका एकादशी पर जो साधक उपवास रख रहे हैं, वे दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही व्रती भगवान विष्णु की पूजा के बाद ही कुछ सेवन करें। वहीं, भोग को तैयार करते इसके समय सफाई का अच्छी तरह से ध्यान रखें।
कामिका एकादशी में क्या न खाएं?
अगर आप कामिका एकादशी पर व्रत कर रहे हैं, तो अपने खाने का पूरा ध्यान दें, क्योंकि यह व्रत को सफल और असफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाता है। बता दें, व्रती को एकादशी व्रत के दिन भोजन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस तिथि पर तामसिक भोजन जैस- मांस-मदिरा प्याज, लहसुन, मसाले, तेल आदि से भी परहेज करना चाहिए।
इसके साथ ही इस व्रत पर चावल और नमक का सेवन गलती से भी नहीं करना चाहिए। ऐसे में अगर आप इस व्रत का पालन कर रहे हैं, तो इन सभी बातों का जरूर ध्यान रखें।
भोग चढ़ाने का मंत्र
कामिका एकादशी पर नारायण को भोग लगाते समय इस मंत्र ”त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।” का भावपूर्ण जप करें। ऐसा करने से भगवान प्रसाद स्वीकार कर लेते हैं। इसके साथ ही मनचाहा फल प्रदान करते हैं।