पितृ दोष दूर करने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन इन स्थानों पर जलाएं दीपक

गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसी तिथि पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता रहे हैं।

पूर्णिमा तिथि को पितरों को प्रसन्न करने के लिए एक उत्तम तिथि माना गया है। इस तिथि पर आप अगर कुछ खास स्थानों पर दीपक जलाते हैं, तो इससे आपको पितृ दोष से राहत मिल सकती है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

इस दिशा में जलाएं दीपक
दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। ऐसे में आप गुरु पूर्णिमा के दिन पितृ दोष दूर करने के लिए, घर की दक्षिण दिशा में दीपक जला सकते हैं। इसके साथ ही पूर्वजों की तस्वीर के सामने, तिल के तेल का दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपको पितृ दोष से राहत देखने को मिल सकती है।

जरूर करें ये काम
गुरु पूर्णिमा के दिन नदी में दीपदान करना भी शुभ माना जाता है। इस उपाय को करने से भी जातक को पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा, पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना भी पितृ दोष से राहत के लिए काफी लाभकारी होता है। इससे जातक पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।

रखें इन बातों का ध्यान
पितृ दोष से निवारण के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है। दीपक को सीधे जमीन पर न रखें, बल्कि इसे चावलों के ऊपर या फिर किसी प्लेट के ऊपर रख सकते हैं। इसके साथ ही पूर्णिमा के दिन दीपक जलाते समय पितरों का स्मरण करें और जाने-अनजाने में आपसे हुईं गलतियों के लिए उनसे क्षमा मांगे।

करें ये उपाय
पितृ दोष से राहत पाने के लिए पूर्णिमा के दिन पितरों के लिए भोजन निकालकर उनका तर्पण करें।कौओं के लिए भोजन निकालें। साथ ही इस दिन पितृ स्तोत्र और पितृ कवच आदि का पाठ करें। ये उपाय पितृ दोष के निवारण में सहायक साबित हो सकते हैं।

कितने तरह के होते हैं शिवलिंग, क्या है उनका महत्व
Solah Somvar Vrat से विवाह में आ रही अड़चन होगी जल्द दूर, जानें कब से करें शुरू

Check Also

हरियाली तीज व्रत में न करें ये गलतियां, वरना नहीं पूर्ण होगा व्रत

हरियाली तीज का पावन पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। यह व्रत …