सावन सोमवार के पहले शनिवार पर शिव जी के साथ करें कर्मफल दाता की पूजा, दूर होगी शनि पीड़ा

आज सावन महीने का पहला शनिवार है। इस दिन भगवान शिव और न्याय के देवता की पूजा होती है। कहते हैं कि इस दिन भगवान शिन की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसे में इस दिन को और भी ज्यादा शुभ बनाने के लिए पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। शाम के समय भगवान शनि के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद भगवान शनि के 108 नामों का जप करें।

फिर पीपल वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें। अंत में भगवान शनि की आरती करें। इसके अलावा शिवलिंग पर जल और बिल्व पत्र जरूर चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि पीड़ा दूर होगी। इसके साथ ही शिव जी और शनि देव खुश होंगे।

शनिदेव के 108 नाम
ऊँ शनैश्चराय नमः
ऊँ शान्ताय नमः
ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः
ऊँ शरण्याय नमः
ऊँ वरेण्याय नमः
ऊँ सर्वेशाय नमः
ऊँ सौम्याय नमः
ऊँ सुरवन्द्याय नमः
ऊँ सुरलोकविहारिणे नमः
ऊँ सुखासनोपविष्टाय नमः
ऊँ सुन्दराय नमः
ऊँ घनाय नमः
ऊँ घनरूपाय नमः
ऊँ घनाभरणधारिणे नमः
ऊँ घनसारविलेपाय नमः
ऊँ खद्योताय नमः
ऊँ मन्दाय नमः
ऊँ मन्दचेष्टाय नमः
ऊँ महनीयगुणात्मने नमः
ऊँ मर्त्यपावनपदाय नमः
ऊँ महेशाय नमः
ऊँ छायापुत्राय नमः
ऊँ शर्वाय नमः
ऊँ शततूणीरधारिणे नमः
ऊँ चरस्थिरस्वभा वाय नमः
ऊँ अचञ्चलाय नमः
ऊँ नीलवर्णाय नम:
ऊँ नित्याय नमः
ऊँ नीलाञ्जननिभाय नमः
ऊँ नीलाम्बरविभूशणाय नमः
ऊँ निश्चलाय नमः
ऊँ वेद्याय नमः
ऊँ विधिरूपाय नमः
ऊँ विरोधाधारभूमये नमः
ऊँ भेदास्पदस्वभावाय नमः
ऊँ वज्रदेहाय नमः
ऊँ वैराग्यदाय नमः
ऊँ वीराय नमः
ऊँ वीतरोगभयाय नमः
ऊँ विपत्परम्परेशाय नमः
ऊँ विश्ववन्द्याय नमः
ऊँ गृध्नवाहाय नमः
ऊँ गूढाय नमः
ऊँ कूर्माङ्गाय नमः
ऊँ कुरूपिणे नमः
ऊँ कुत्सिताय नमः
ऊँ गुणाढ्याय नमः
ऊँ गोचराय नमः
ऊँ अविद्यामूलनाशाय नमः
ऊँ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः
ऊँ आयुष्यकारणाय नमः
ऊँ आपदुद्धर्त्रे नमः
ऊँ विष्णुभक्ताय नमः
ऊँ वशिने नमः
ऊँ विविधागमवेदिने नमः
ऊँ विधिस्तुत्याय नमः
ऊँ वन्द्याय नमः
ऊँ विरूपाक्षाय नमः
ऊँ वरिष्ठाय नमः
ऊँ गरिष्ठाय नमः
ऊँ वज्राङ्कुशधराय नमः
ऊँ वरदाभयहस्ताय नमः
ऊँ वामनाय नमः
ऊँ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः
ऊँ श्रेष्ठाय नमः
ऊँ मितभाषिणे नमः
ऊँ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः
ऊँ पुष्टिदाय नमः
ऊँ स्तुत्याय नमः
ऊँ स्तोत्रगम्याय नमः
ऊँ भक्तिवश्याय नमः
ऊँ भानवे नमः
ऊँ भानुपुत्राय नमः
ऊँ भव्याय नमः
ऊँ पावनाय नमः
ऊँ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः
ऊँ धनदाय नमः
ऊँ धनुष्मते नमः
ऊँ तनुप्रकाशदेहाय नमः
ऊँ तामसाय नमः
ऊँ अशेषजनवन्द्याय नमः
ऊँ विशेशफलदायिने नमः
ऊँ वशीकृतजनेशाय नमः
ऊँ पशूनां पतये नमः
ऊँ खेचराय नमः
ऊँ खगेशाय नमः
ऊँ घननीलाम्बराय नमः
ऊँ काठिन्यमानसाय नमः
ऊँ आर्यगणस्तुत्याय नमः
ऊँ नीलच्छत्राय नमः
ऊँ नित्याय नमः
ऊँ निर्गुणाय नमः
ऊँ गुणात्मने नमः
ऊँ निरामयाय नमः
ऊँ निन्द्याय नमः
ऊँ वन्दनीयाय नमः
ऊँ धीराय नमः
ऊँ दिव्यदेहाय नमः
ऊँ दीनार्तिहरणाय नमः
ऊँ दैन्यनाशकराय नमः
ऊँ आर्यजनगण्याय नमः
ऊँ क्रूराय नमः
ऊँ क्रूरचेष्टाय नमः
ऊँ कामक्रोधकराय नमः
ऊँ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः
ऊँ परिपोषितभक्ताय नमः
ऊँ परभीतिहराय नमः
ऊँ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः

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