सनातन धर्म में सावन शिवरात्रि का खास महत्व है। यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। पूजा के समय भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता है। भक्तजन दूध, दही, जल, घी, शहद और गंगाजल से देवों के देव महादेव का अभिषेक किया जाता है।
भक्तजन निशा काल में भगवान शिव की पूजा एवं भक्ति करते हैं। मंदिरों में भजन-कीर्तन और शिव विवाह का आयोजन किया जाता है। साधक मनचाही मुराद पाने के लिए सावन शिवरात्रि पर व्रत भी रखते हैं। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव का जलाभिषेक किया जाता है। आइए, सावन शिवरात्रि की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
कब मनाई जाती है सावन शिवरात्रि?
सावन का महीना बेहद पावन होता है। यह महीना भगवान शिव को प्रिय है। इस महीने का हर एक दिन खास है। इस शुभ अवसर पर कई प्रमुख व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें सावन माह की शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।
सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को है। इस तिथि का शुभारंभ सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर होगा। वहीं, 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का समापन होगा। इस तरह 23 जुलाई को सावन माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी। 23 जुलाई को पूजा का समय निशा काल मे 12 बजकर 07 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक है।
सावन शिवरात्रि शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाएगी। इस शुभ अवसर पर भद्रावास योग दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक है। वहीं, हर्षण योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से हो रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 37 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक