सावन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम मानी गई है। इस तिथि पर कई साधक व्रत भी करते हैं, जिसका पारण मुख्य रूप से अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है।
जरूर करें ये काम
एकादशी के दिन तुलसी पूजा का खास महत्व है। इस दिन सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास देसी घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। इसके साथ ही तुलसी माता की 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए और तुलसी माता के मंत्रों का जप व आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके ऊपर मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा बनी रहती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
मिलेंगे शुभ परिणाम
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ में देवताओं का वास माना जाता है। ऐसे में यदि आप सावन की पुत्रदा एकादशी पर पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं और दीपक जलाते हैं, तो इससे आपको शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
जीवन में आएगी सुख-समृद्धि
एकादशी के दिन घर के मुख्य द्वार पर भी दीपक जलाना काफी शुभ माना गया है। पुत्रदा एकादशी को सूर्यास्त के बाद आप घर के मुख्य द्वार पर दीपक जला सकते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह समय मां लक्ष्मी के आगमन का समय माना गया है।
ऐसे में यदि आप एकादशी के दिन इस स्थान पर दीपक जलाते हैं, तो इससे आपके ऊपर लक्ष्मी जी की भी कृपा बनी रहती है। इससे आपको आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है, साथ ही धन लाभ के योग भी बनने लगते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए।
प्रसन्न होंगी मां अन्नपूर्णा
हिंदू धर्म में रसोई घर में मां अन्नपूर्णा का वास माना गया है। ऐसे में एकादशी के दिन रसोई में मटके के पास दीपक जलाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वास्तु की दृष्टि से ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।