आज यानी 05 अगस्त को सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर हर साल पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जा रही है। साथ ही भक्तजन पुत्रदा एकादशी का व्रत रख रहे हैं।
धार्मिक मत के अनुसार, पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान सुख का वरदान मिलता है। साथ ही मनचाही मुराद पूरी होती है। पुत्रदा एकादशी पर कई शुभ और मंगलकारी योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज के पंचांग के बारे में।
तिथि: शुक्ल एकादशी
मास पूर्णिमांत: श्रावण
दिन: मंगलवार
संवत्: 2082
तिथि: एकादशी दोपहर 01:12 बजे तक
योग: इन्द्र सुबह 07 बजकर 25 मिनट तक
करण: विष्टि दोपहर 01 बजकर 12 मिनट तक
करण: बव देर रात 01 बजकर 45 मिनट तक (6 अगस्त)
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 09 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: शाम 04 बजकर 19 मिनट पर
चन्द्रास्त: 6 अगस्त को रात 02 बजकर 23 मिनट पर
सूर्य राशि: कर्क
चंद्र राशि: वृश्चिक
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से 12 मिनट 54 मिनट तक
अमृत काल: शाम 07 बजकर 55 मिनट से रात 09 बजकर 38 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: दोपहर 03 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक
गुलिक काल: दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 07 मिनट तक
यमगण्ड: सुबह 09 बजकर 06 मिनट से 10 बजकर 46 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव ज्येष्ठा नक्षत्र में रहेंगे…
ज्येष्ठा नक्षत्र: प्रातः 11 बजकर 23 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: बुद्धिमान, व्यावहारिक, दार्शनिक, चतुर, सीमित मित्रता वाला, आक्रामक और महत्वाकांक्षी
नक्षत्र स्वामी: बुध
राशि स्वामी: मंगल
देवता: इंद्र (देवताओं के राजा)
प्रतीक: बालियां, छत्र या ताबीज
आज का व्रत और त्योहार (श्रावण पुत्रदा एकादशी)
श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति और संतान की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के “नारायण रूप” की पूजा की जाती है और माता लक्ष्मी का भी आवाहन किया जाता है। जो भक्त श्रद्धा से इस व्रत को करते हैं, उनके जीवन से संतानों से जुड़ी हर बाधा दूर होती है। यह एकादशी पुण्यदायिनी और कल्याणकारी मानी गई है। इस वर्ष पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त को मनाई जाएगी।
एकादशी की अवधि–
एकादशी तिथि प्रारंभ: 4 अगस्त 2025 (सोमवार) को प्रातः 11:41 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 5 अगस्त 2025 (मंगलवार) को दोपहर 01:12 बजे
व्रत की पूजा विधि-
प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
पूजन सामग्री- पीला वस्त्र, पीला चंदन, तुलसी दल, फल, पंचामृत, दीपक, धूप, पंचमेवा आदि।
श्रीहरि विष्णु को पीले पुष्प, पीले फल और तुलसी दल अर्पित करें।
‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र या विष्णु सहस्रनाम का जप करें।
श्रद्धा से पुत्रदा एकादशी व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें।
संध्या समय दीप जलाकर भगवान का भजन-कीर्तन करें।
रात में जागरण करें। यह व्रत को पूर्णता और विशेष पुण्य प्रदान करता है।