हरतालिका तीज का पर्व विशेष महत्व माना जाता है जो माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक उत्तम तिथि है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है। पूजा के दौरान महिलाएं मां पार्वती को 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करती हैं जिससे उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
प्रत्येक वर्ष भाद्रपद शुक्ल तृतीया पर हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस व्रत की पूजा में महिलाएं भगवान शिव व माता पार्वती की रेत या मिट्टी की मदद से एक मूर्ति बनाती हैं और उसकी पूजा-अर्चना करती हैं।
साथ ही सुखी वैवाहिक जीवन और संतान की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन में भी प्रेम बना रहता है। चलिए जानते हैं कि इस साल यह पर्व कब मनाया जाएगा।
हरतालिका तीज मुहूर्त
भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारम्भ 25 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इस तिथि का समापन 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का पर्व मंगलवार, 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन गौरी-शंकर की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है –
हरितालिका पूजा मुहूर्त – प्रातः 5 बजकर 56 मिनट से सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक
गौरी-शंकर पूजा विधि
हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के पश्चात् साफ-सुथरे विशेषकर हरे या लाल रंग के वस्त्र पहनें। शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और स्वयं द्वारा बनाई गई माता पर्वती, भगवान शिव और गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें।
सबसे पहले गणेश जी का विधिवत पूजन करें और इसके बाद गौरी-शंकर की विधि-विधान से पूजन करें। पूजा में मां गौरी को 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करें और हरतालिका तीज व्रत कथा जरूर सुनें। आप पूजा में इन मंत्रों का जप भी कर सकते हैं –
पार्वती जी के मंत्र –
ओम पार्वत्यै नमः
ओम उमाये नमः
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाने का मंत्र – सिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्।।
मनचाहे वर के लिए मंत्र – गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया। मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।