हिंदू धर्म में लड्डू गोपाल (Laddu Gopal Seva Niyam) की सेवा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में अगर आप जन्माष्टमी या उसके आसपास अपने घर में लड्डू गोपाल को लाने का मन बना रहे हैं तो कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें ताकि आपको पूजा का पूरा फल मिल सके।
कई घरों में लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती है और एक बालक की तरह ही उनकी सेवा की जाती है। जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि जो साधक श्रद्धापूर्वक लड्डू गोपाल की सेवा करता है, उसके परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं लड्डू गोपाल की सेवा से संंबंधित नियम।
कैसी होनी चाहिए मूर्ति
अगर आप लड्डू गोपाल की मूर्ति घर ला रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति बहुत बड़ी नहीं होनी चाहिए। अंगूठे के आकार की या लगभग 3 इंच की मूर्ति घर में रखना शुभ माना जाता है। आप लड्डू गोपाल की पीतल, तांबे, कांसे, चांदी या फिर सोने से बनी मूर्ति घर में रख सकते हैं। इसके साथ ही अष्टधातु से बनी लड्डू गोपाल जी की मूर्ति भी घर में रखना शुभ माना जाता है।
किस दिशा में स्थापित करें मूर्ति
लड्डू गोपाल की मूर्ति को स्थापित करते समय आपको वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार घर के उत्तर-पूर्व दिशा, जिसे ईशान कोण कहते हैं, को पूजा के लिए शुभ माना गया है। ऐसे में आप इस दिशा में लड्डू गोपाल जी की मूर्ति को स्थापित कर सकते हैं। साथ ही इस बाद का ध्यान रखें कि मूर्ति को हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर ही रखें।
इस तरह करें सेवा
सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद लड्डू गोपाल को उठाएं और उन्हेंं स्नान करवाने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र या पोशाक पहनाएं। लड्डू गोपाल जी को शृंगार अति प्रिय है। ऐसे में उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाने के साथ-साथ उनका शृंगार भी करें। साथ ही उन्हें एक बासुरी और मोरपंख भी अर्पित करें।
भोग के नियम
हमेशा स्नान करने के बाद ही लड्डू गोपाल का भोग तैयार करें। ध्यान रखें कि भोग सात्विक होना चाहिए। भोग लगाते समय आप इस मंत्र का जप कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से लड्डू गोपाल भोग को जल्दी स्वीकार करते हैं –
‘ त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाणे सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।