अगस्त 2025 के अनुसार आज यानी अजा एकादशी व्रत (Aja Ekadashi 2025) किया जा रहा है। यह तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए एस्ट्रोलॉजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग।
आज यानी 19 अगस्त को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। इस तिथि पर अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2025 Date) मनाई जाती है। इस तिथि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है और जीवन हमेशा खुशहाल रहता है। अजा एकादशी के दिन कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। ऐसा माना जाता है की इन योग में पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
तिथि: कृष्ण एकादशी
मास पूर्णिमांत: भाद्रपद
दिन: मंगलवार
संवत्: 2082
तिथि: एकादशी दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक, फिर द्वादशी
योग: वज्र सायं 08 बजकर 30 मिनट तक
करण: बालव दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक
करण: कौलव प्रातः 02 बजकर 43 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 52 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 57 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: रात 02 बजकर 29 मिनट पर
चन्द्रास्त: दोपहर 01 बजकर 48 मिनट पर
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: मिथुन
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक
अमृत काल: दोपहर 03 बजकर 32 मिनट से दोपहर 05 बजकर 04 मिनट
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से दोपहर 05 बजकर 19 मिनट तक
गुलिक काल: दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से दोपहर 02 बजकर 02 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 09 बजकर 08 मिनट से प्रातः 10 बजकर 46 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव आर्द्रा नक्षत्र में रहेंगे…
आर्द्रा नक्षत्र: प्रातः 01 बजकर 07 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: बुद्धिमान, चालाक, भौतिकवादी, ईमानदारी की कमी, जल्दी गुस्सा, विनाशकारी शक्ति, अहंकार और आत्मिक सौभाग्य।
नक्षत्र स्वामी: राहु
राशि स्वामी: बुध
देवता: रुद्र (भगवान शिव)
प्रतीक: अश्रु (आंसू की बूंद)
अजा एकादशी का महत्व
अजा एकादशी कृष्ण पक्ष की एक विशेष एकादशी है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे व्रत और उपवास के साथ मनाया जाता है। अजा एकादशी का व्रत मनाने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। इस दिन भक्त संकल्पपूर्वक निर्जला व्रत रखते हैं, ध्यान और भक्ति में लीन रहते हैं। अजा एकादशी व्रत से जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह व्रत विशेष रूप से मृत्यु और पापों के बंधन से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है।