27 अगस्त 2025 के अनुसार आज देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन गणेश स्थापना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती है। गणेश स्थापना के दिन कई योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए एस्ट्रोलॉजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का पंचांग।
आज यानी 27 अगस्त को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस तिथि पर हर साल में गणेश चतुर्थी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की स्थापना करने का विधान है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस बार गणेश चतुर्थी पर कई योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
मास पूर्णिमांत: भाद्रपद
दिन: बुधवार
संवत्: 2082
तिथि: चतुर्थी दोपहर 03 बजकर 44 मिनट तक
योग: शुभ दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक
करण: विष्टि दोपहर 03 बजकर 44 मिनट तक
करण: 28 अगस्त को बव रात्रि 04 बजकर 48 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 48 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर
चन्द्रास्त: रात 08 बजकर 57 मिनट पर
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: कन्या
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं
अमृत काल: 28 अगस्त को रात्रि 01 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से 01 बजकर 59 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 10 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 22 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 07 बजकर 33 मिनट से 09 बजकर 09 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव हस्त नक्षत्र में रहेंगे…
हस्त नक्षत्र: प्रातः 06 बजकर 04 मिनट तक, फिर चित्रा
सामान्य विशेषताएं: साहसी, दानशील, निर्दयी, चालाक, परिश्रमी, ऊर्जावान, झगड़ालू, प्रेरणादायक, बुद्धिमान चंद्रमा और खेल में कौशल
नक्षत्र स्वामी: चंद्रमा
राशि स्वामी: बुध देवता:
सविता – सूर्योदय के देवता
प्रतीक: हाथ या बंद मुट्ठी
गणेश चतुर्थी का धार्मिक महत्व
भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की स्थापना की जाती है और उन्हें मोदक, फलों और फूलों से प्रसन्न किया जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और शुभकार्य का देवता माना जाता है। भक्त इस दिन पूजा-अर्चना के साथ गणेश मंत्र का जाप करते हैं और अपनी समस्याओं के निवारण एवं सफलता की कामना करते हैं।
घर और मंदिरों में गणेश मूर्ति स्थापित कर 1 से 11 दिनों तक विधिपूर्वक पूजा की जाती है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हर कार्य की शुरुआत भगवान गणेश के नाम से करनी चाहिए और सच्चे मन से भक्ति करने पर हर बाधा दूर होती है।
गणेश चतुर्थी अवधि-
चतुर्थी तिथि प्रारंभ– 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट तक
चतुर्थी तिथि समाप्त– 27 अगस्त 2025 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट तक
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 39 मिनट तक
गणेश चतुर्थी पूजा विधि-
स्नान और सजावट: पूजा करने वाले सुबह स्नान करके साफ और शुभ वस्त्र धारण करें।
मूर्ति स्थापना: घर में साफ स्थान पर गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें।
पूजा सामग्री: फूल, अगरबत्ती, दीपक, मोदक, फल और रंगोली आदि तैयार रखें।
संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले गणेश जी से संकल्प लें और अपने कार्यों में सफलता की कामना करें।
मंत्र जाप: “ॐ गण गणपतये नमः” या अन्य गणेश मंत्र का जाप करें।
पूजा अर्चना: दीपक जलाएं, फूल अर्पित करें और मोदक या भोग चढ़ाएं।
आरती: प्रतिदिन सुबह और शाम आरती करें और गणेश जी का ध्यान लगाएं।
व्रत समाप्ति: पूजा के अंत में गणेश जी का धन्यवाद करें और प्रसाद ग्रहण करें।