हर व्यक्ति चाहते है कि है कि उसके ऊपर भगवान की कृपा बनी रहे। इस क्रम में रोजाना पूजा-पाठ भी किया जाता है। अगर आप पूजा-पाठ के दौरान कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं तो इससे आपकी पूजा सफल होती है और आपको पूजा-पाठ का पूर्ण फल प्राप्त होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं पूजा के दौरान दीपक जलाने के नियम।
पूजा-पाठ के दौरान दीपक जलाना काफी शुभ होता है, जिसके बिना पूजा अधूरी होती है। प्रत्येक देवी-देवता की पूजा में अलग-अलग तरह के दीपक जलाएं जाते हैं, जिससे साधक पर उनका आशीर्वाद बना रहता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पूजा के दौरान दीपक जलाते समय आपको किन वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
इस तरह जलाये दीपक
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि देवी-देवताओं के ठीक सामने दीपक नहीं जलाना चाहिए। आप इसे मूर्ति या चित्र के थोड़ा बाईं ओर करेक जला सकते हैं। इसके साथ ही देवी-देवताओं के बिल्कुल पास भी दीपक को नहीं रखना चाहिए, इसे थोड़ा-सा दूरी पर रखें।
वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे उत्तम माना गया है, क्योंकि इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है। इसके साथ ही दीपक को भी दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर नहीं रखना चाहिए।
दीपक से जुड़े वास्तु टिप्स
पूजा के दौरान दीपक जलाते समय इस बात का भी जरूर ध्यान रखना चाहिए कि आपकी दीपक एकदम साफ हो। इसके साथ ही पूजा के दीपक को सीधा नीचे न रखें, इसके लिए पूजा थाली का इस्तेमाल करें। दीपक कहीं से भी खंडित नहीं होना चाहिए। इन सभी बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा इससे आपको पूजा के अच्छे परिणाम नहीं मिलते।
कर सकते हैं ये काम
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि आप मंदिर के साथ-साथ घर के कुछ खास स्थानों पर रोजाना दीपक जला सकते हैं। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और अच्छे परिणाम मिलते हैं। इसके लिए रोजाना शाम के समय घर के मुख्य द्वार और तुलसी के पास भी दीपक जरूर जलाना चािहए। इस बात का ध्यान रखें कि घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय उसकी लौ उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए।
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