सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत और महादेव की पूजा करने से साधक को सभी भय से छुटकारा मिलता है। साथ ही बिगड़े काम पूरे होते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कब है नवंबर का पहला प्रदोष व्रत।
हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन संध्याकाल में भगवान शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन सच्चे मन से शिव जी की पूजा करने से जीवन में आ रहे सभी दुख और दर्द दूर होते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और टाइम शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 02 नवंबर को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 02 नवंबर को देर रात 02 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 03 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन सोमवार होने की इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा।
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 45 मिनट से 05 बजकर 36 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 41 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
ऐसे करें महादेव को प्रसन्न
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद गन्ने के रस से महादेव का अभिषेक करें। इसके बाद प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति से कामना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और कारोबार में सफलता मिलती है।
प्राप्त होगी महादेव की कृपा
अगर आप मानसिक तनाव की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन विधिपूर्वक भगवान शिव का कच्चे दूध से अभिषेक करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से मानसिक तनाव दूर होता है और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
करें इन चीजों का दान
इस दिन शिव पूजन करने के बाद मंदिर या गरीब लोगों को अन्न-धन चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस प्रदोष व्रत के दिन दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और जीवन में कोई कमी नहीं होती है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।