वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन महादेव की पूजा संध्याकाल में करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
हर महीने में 2 बार प्रदोष व्रत किया जाता है। इस खास अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन पूजा और व्रत करने से साधकों को जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है और सभी संकट दूर होते हैं।
इस दिन शिवलिंग का अभिषेक जरूर करना चाहिए। अगर आप महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो त्रयोदशी तिथि पर सुबह स्नान करने के बाद शिवलिंग पर विशेष चीजें अर्पित करें। इससे जीवन में खुशियों का आगमन होगा।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 03 नवंबर को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 04 नवंबर को देर रात 02 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में 03 नवंबर को प्रदोष व्रत किया जाएगा।
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें
अगर आप मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर शमी के फूल चढ़ाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से मनचाहा वर मिलता है। साथ ही शिव जी की कृपा से सभी मुरादें पूरी होती हैं।
अगर आप प्रदोष व्रत के दिन महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें। प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से सभी बीमारियों से छुटकारा मिलता है और महादेव की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं।
कर्ज की समस्या से मुक्ति पाने के लिए प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर गंगाजल, चावल और दूध अर्पित करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से कर्ज की समस्या दूर होती है और शिव जी प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से मानसिक तनाव दूर होता है।
प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर गन्ने का रस अर्पित करें। ऐसा माना है कि शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।