धन की प्राप्ति और उसका स्थायित्व जीवन की सुख-समृद्धि का मुख्य आधार है। कई बार व्यक्ति मेहनत तो बहुत करता है, लेकिन पैसा टिकता नहीं। घर या पर्स में पैसा आते ही खर्च हो जाता है या किसी न किसी कारण से धन की हानि होती रहती है। धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसका संबंध केवल कर्मों से ही नहीं, बल्कि ग्रहों की स्थिति और देवी-देवताओं की कृपा से भी जुड़ा होता है। विशेष रूप से शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित है। यदि इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो धन की कमी सदा के लिए दूर हो सकती है।
लक्ष्मी माता की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं
शुक्रवार की संध्या को देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। दीपक जलाते समय “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करें। यह उपाय देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और घर में धन की स्थिरता बनाए रखता है।
सफेद वस्त्र धारण करें
शुक्रवार के दिन सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि ये रंग शुक्र ग्रह और माता लक्ष्मी का प्रतीक हैं। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और आर्थिक उन्नति के अवसर प्राप्त होते हैं।
कन्या को खीर का भोग लगाएं
पौराणिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन छोटी कन्याओं को खीर या मीठा खिलाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। यह उपाय धन की रुकावटों को दूर करता है और जीवन में स्थायी समृद्धि लाता है।
तिजोरी या धनस्थान में इत्र छिड़कें
शुक्रवार को घर की तिजोरी या धन रखने की जगह पर गुलाब या केवड़े का इत्र छिड़कना शुभ माना जाता है। इससे वातावरण में सकारात्मकता आती है और धन का प्रवाह बढ़ता है। यह उपाय आर्थिक हानि से भी रक्षा करता है।
तुलसी पर जल चढ़ाएं
सुबह-सुबह तुलसी के पौधे में जल चढ़ाकर दीपक जलाएं और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करें। ऐसा करने से न केवल परिवार में सुख-शांति बनी रहती है, बल्कि आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं
शुक्रवार के दिन गाय को गुड़ और रोटी खिलाना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। यह उपाय पितृ दोष और ग्रहदोष दोनों को शांत करता है, जिससे धन का अपव्यय रुकता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
शंख में जल भरकर छिड़कें
शंख देवी लक्ष्मी का प्रिय होता है। शुक्रवार को शंख में गंगाजल भरकर पूरे घर में छिड़कें। इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में धन का प्रवाह बना रहता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।