धार्मिक मान्यता के अनुसार, बरगद (Banyan Tree) के पेड़ की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं को सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में इस पेड़ के उगने से कौन-से संकेत मिलते हैं। अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसके बारे में।
सनातन धर्म में कुछ पेड़-पौधे की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है, जिनमें बरगद का पेड़ भी शामिल है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, बरगद (Bargad ka Ped) के पेड़ में भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा और महादेव का वास होता है। इसलिए इसकी की पूजा करने से त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन के लिए बरगद की पूजा करना फलदायी साबित होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बरगद के पेड़ का घर में उगना शुभ या अशुभ माना जाता है।साथ ही इस पेड़ (Banyan Tree Puja) के उगने से कौन-से संकेत मिलते हैं। अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए जानते हैं इसके बारे में।
मिलते हैं ये संकेत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर में बरगद के पेड़ का उगना अशुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि घर में इस पेड़ के उगने से परिवार के सदस्यों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है और आर्थिक तंगी हो सकती है।
ऐसा माना जाता है कि घर में बरगद का पेड़ उगने से परिवार के सदस्यों के बीच लड़ाई-झगड़े की समस्या उत्पन्न हो सकती है। साथ ही तनाव बढ़ सकता है। इसके अलावा घर में सुख-शांति का वास नहीं होता है।
बरगद के पेड़ से जुड़े उपाय
कारोबार में मिलेगी सफलता
शनिवार के दिन बरगद के पेड़ की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद बरगद के पेड़ की जड़ में केसर और हल्दी अर्पित करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस उपाय को करने से साधक की सभी मुरादें पूरी होती है। साथ ही कारोबार में वृद्धि देखने को मिलती है।
मनोकामना होगी पूरी
मनोकामना पूर्ति के लिए रविवार के दिन बरगद के पेड़ से जुड़ा उपाय करना फलदायी साबित होता है। इस पेड़ के पत्ते पर अपनी मनोकामना लिखकर उसे बहते हुए पानी में बहा दें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति की मुरादें पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
करें ये काम
अगर आपके घर में बरगद का पेड़ उग आया है, तो उसे जड़ से निकाल कर किसी खाली जगह पर लगा दें। इसके बाद उसकी जड़ में जल अर्पित करें।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।