चरण स्पर्श की परंपरा सदियों से चली आ रही है। जब भी हम किसी बड़े व्यक्ति या विद्वान से मिलते हैं तो उनके पैर छूते हैं।
इस परंपरा का पालन लोग आज भी करते हैं। इसके दो प्रकार के फायदे हैं वैज्ञानिक और धार्मिक । शास्त्रों के अनुसार।
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।।
इस श्लोक का अर्थ है कि जो पुरुष रोज बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श करता है उसके चार चीजों की वृद्धि हो जाती है और वे हैं। उम्र, विद्या, यश और शक्ति
पैर छुना या प्रणाम करना कोई परंपरा नहीं है यह एक वैज्ञानिक क्रिया है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से संबंधित है। इससे शारीरिक कसरत तो होती ही है साथ ही बड़ों के स्वभाव की अच्छी बातें भी हमारे अंदर उतर जाती है।
जब कोई आपके पैर छुए तो इन बातों को ध्यान में रखें।
जब भी कोई आपके पैर छूए तो उस समय भगवान का लेने से उस व्यक्ति को सकारात्मक फल मिलते हैं। इससे व्यक्ति की समस्याए खत्म हो जाती है, उम्र बढ़ती है और नाकरात्मक शक्तियों से उसकी रक्षा होती है।
पैर छूने के प्रकार
पहला तरीका- झुककर पैर छूना।
दूसरा तरीका- घुटने के बल बैठकर पैर छूना।
तीसरा तरीका- साष्टांग प्रणाम करना।
पैर छूने के सभी तरीकों से फायदा मिलता है। इससे हमारे अंदर अहंकार की भावना का नाश होता है साथ ही समर्पण का भाव जागृत होता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।