कहीं आप भी तो नहीं कर रहे लड्डू गोपाल की सेवा में ये भूल?

लड्डू गोपाल की सेवा एक बालक की तरह की जाती है। मान्यता है कि लड्डू गोपाल की सेवा करने वाले परिवार में सुख-समृद्धि का वास हमेशा बना रहता है। लड्डू गोपाल की मूर्ति का आकार, स्थापना की दिशा और भोग से जुड़े कुछ नियम बताए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

कई घरों में रोजाना पूरे श्रद्धाभाव से लड्डू गोपाल (Laddu Gopal Seva Niyam) की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में अगर आपको घर में भी लड्डू गोपाल जी की सेवा की जाती है, तो आपको इन बातों का ध्यान जरूर रखा चाहिए।

कितना होना चाहिए मूर्ति का आकार

सबसे पहले आपको लड्डू गोपाल की जी की मूर्ति के आकार का ध्यान रखना चाहिए। मूर्ति न तो बहुत ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए और न ही बहुत ज्यादा छोटी। हाथ के अंगूठे के आकार की या फिर लगभग 3 इंच की मूर्ति घर में रखना शुभ माना गया है।

इसके साथ ही अपनी श्रद्धा के अनुसार, घर में लड्डू गोपाल की पीतल, तांबा, कांसा, चांदी या फिर सोने से बनी मूर्ति स्थापित की जा सकती है। सबसे अधिक शुभ लड्डू गोपाल की अष्टधातु से बनी मूर्ति को माना जाता है।

स्थापना की सही दिशा

वास्तु शास्त्र में लड्डू गोपाल की मूर्ति को स्थापित करने के लिए सही दिशा का भी वर्णन किया गया है, जिसका ध्यान रखना जरूरी है। वास्तु के अनुसार लड्डू गोपाल जी की मूर्ति को हमेशा घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए।

इस दिशा में लड्डू गोपाल जी की मूर्ति स्थापित करने से आपको कई तरह के आधात्मिक लाभ मिल सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि मूर्ति को हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर या फिर चौकी पर रखना चाहिए। साथ ही लड्डू गोपाल जी का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

इन गलतियों को करने से बचें

घर में कभी भी लड्डू गोपाल जी की खंडित मूर्ति नहीं रखना चाहिए, इससे नकारात्मकता बढ़ सकती है। ऐसे में आपको शुभ तिथि पर नई मूर्ति लाकर स्थापित करनी चाहिए और क्षमायाचना करते हुए पुरानी मूर्ति को किसी बहते जल में विसर्जन कर देना चाहिए। इसके साथ ही लड्डू गोपाल को कभी भी पुराने या फिर गंदे वस्त्र नहीं पहनाने चाहिए। इससे भी लड्डू गोपाल आपसे रुष्ट हो सकते हैं।

भोग से जुड़े नियम जरूरी नियम

लड्डू गोपाल का भोग हमेशा स्नान के बाद ही तैयार करना चाहिए और भोग पूरी तरह से सात्विक होना चाहिए। इसके साथ ही लड्डू गोपाल के भोग में हमेशा तुलसी दल जरूर डालें, क्योंकि इसके बिना लड्डू गोपाल जी का भोग अधूरा माना जाता है।

भोग लगाने के लिए हमेशा चांदी, पीतल, तांबा, या फिर कांसे आदि धातुओं से बने बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए। प्लास्टिक के बर्तनों में भोग लगाना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना गया। इसके साथ ही लड्डू गोपाल को भोग लगाते समय आप इस मंत्र का जप कर सकते हैं। ऐसा करने से लड्डू गोपाल आपके भोग को जल्दी स्वीकार करते हैं –

‘ त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाणे सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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