पौष पुत्रदा एकादशी बन रहे मंगलकारी योग

पंचांग के अनुसार, आज यानी 30 दिसंबर को साल की आखिरी पौष पुत्रदा एकादशी व्रत किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है और एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पौष माह की पौष पुत्रदा एकादशी के दिन कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।

तिथि: शुक्ल दशमी
मास पूर्णिमांत: पौष
दिन: मंगलवार
संवत्: 2082

तिथि: शुक्ल दशमी – प्रातः 07 बजकर 50 मिनट तक
योग: सिद्ध – 31 दिसंबर को रात्रि 01 बजकर 02 मिनट तक
करण: गरज – प्रातः 07 बजकर 50 मिनट तक
करण: वणिज – सायं 06 बजकर 28 मिनट तक
करण: विष्टि – 31 दिसंबर को रात्रि 05 मिनट तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय का समय: प्रातः 07 बजकर 13 मिनट पर
सूर्यास्त का समय: सायं 05 बजकर 34 मिनट पर
चंद्रोदय का समय: दोपहर 01 बजकर 34 मिनट पर
चंद्रास्त का समय: 31 दिसंबर को प्रातः 03 बजकर 43 मिनट पर

आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक
अमृत काल: 31 दिसंबर को रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से प्रातः 01 बजकर 03 मिनट तक

आज के अशुभ समय
राहुकाल: दोपहर 02 बजकर 59 मिनट से सायं 04 बजकर 17 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 09 बजकर 49 मिनट से प्रातः 11 बजकर 06 मिनट तक

आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव भरणी नक्षत्र में रहेंगे।
भरणी नक्षत्र: 31 दिसंबर को प्रातः 03 बजकर 58 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: सिद्धांतप्रिय, अनुशासित, परिश्रमी, सच्चाईप्रिय, गंभीर, नियंत्रित, बोझिल अनुभव, नकारात्मक, निराशाजनक, अत्यधिक नियंत्रक प्रवृत्ति और जिम्मेदार
नक्षत्र स्वामी: शुक्र देव
राशि स्वामी: मंगल देव
देवता: यम (मृत्यु के देवता)
प्रतीक: योनि (महिला प्रजनन अंग)

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 पौष पुत्रदा एकादशी पर जरूर करें इस कथा का पाठ, संतान-सुख की होगी प्राप्ति

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