नया साल जीवन में एक नई शुरुआत, नई ऊर्जा और नए संकल्पों का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वर्ष का पहला दिन केवल उत्सव मनाने का नहीं, बल्कि अपने विचार, व्यवहार और कर्म को शुद्ध करने का विशेष अवसर होता है। कहा जाता है कि नववर्ष के पहले दिन किए गए कार्यों और अपनाए गए भावों का प्रभाव पूरे वर्ष के जीवन पर पड़ता है, इसलिए इस दिन विशेष सावधानी और संयम आवश्यक है।
नकारात्मक विचार और कलह से बचें
नववर्ष के पहले दिन क्रोध करना, किसी से झगड़ा करना या कटु वचन बोलना अशुभ माना गया है। शास्त्रों में बताया गया है कि जिस घर में वर्ष की शुरुआत कलह से होती है, वहां अशांति का प्रवेश हो जाता है। इस दिन क्षमाभाव, मधुर वाणी और सकारात्मक सोच बनाए रखना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है।
सूर्योदय तक सोते न रहें
धार्मिक दृष्टि से नए साल के पहले दिन देर तक सोना आलस्य और दुर्भाग्य को आमंत्रण देने जैसा माना जाता है। ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान, ध्यान और ईश्वर स्मरण करने से दिन की शुरुआत शुभ होती है और वर्षभर कार्यों में सफलता एवं मानसिक शांति बनी रहती है।
घर को गंदा और अस्त-व्यस्त न रखें
नववर्ष के पहले दिन घर में गंदगी, बिखरा हुआ सामान या कूड़ा-कचरा रखना अशुभ संकेत माना गया है। मान्यता है कि माता लक्ष्मी स्वच्छता और अनुशासन से प्रसन्न होती हैं। इस दिन घर की साफ-सफाई कर दीप प्रज्ज्वलन और धूप-दीप से वातावरण को पवित्र करना चाहिए।
खाली हाथ किसी जरूरतमंद को न लौटाएं
शास्त्रों में दान को महान पुण्य कहा गया है। नए साल के पहले दिन यदि कोई गरीब, भिक्षुक या जरूरतमंद सहायता मांगे और उसे खाली हाथ लौटा दिया जाए, तो इसे अशुभ माना गया है। इस दिन अन्न, वस्त्र या यथाशक्ति धन का दान करने से वर्षभर सुख-समृद्धि बनी रहती है।
तामसिक भोजन और नशे से दूरी रखें
नववर्ष के पहले दिन मांस-मदिरा, नशा या अत्यधिक तामसिक भोजन करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सात्त्विक भोजन, फल-दूध और प्रसाद ग्रहण करना श्रेष्ठ माना गया है, जिससे मन और शरीर दोनों पवित्र रहते हैं।
दिन की शुरुआत खाली पेट और बिना स्नान के न करें
धार्मिक दृष्टि से नए साल के पहले दिन बिना स्नान किए या खाली मन से भोजन करना अशुभ माना गया है। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर सूर्य देव को जल अर्पित करना और ईश्वर का स्मरण करना वर्षभर स्वास्थ्य, ऊर्जा और आत्मबल प्रदान करता है।
ईश्वर स्मरण के बिना दिन की शुरुआत न करें
नववर्ष के पहले दिन ईश्वर को स्मरण किए बिना दिन आरंभ करना आध्यात्मिक दृष्टि से उचित नहीं माना गया है। पूजा-पाठ, मंत्र जप या अपने इष्टदेव का ध्यान करने से मन में सकारात्मकता आती है और जीवन में सही दिशा का बोध होता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।