सावन में शिव कृपा से दूर होंगे दुर्योग

भगवान शिव की भक्ति करने और उनकी कृपा पाने का खास महीना है सावन. सावन महीने में भोलेनाथ की कृपा से कई सारे दुर्योग भी दूर हो सकते हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन से दुर्योगों से इस पावन महीने में छुटकारा पाया जा सकता है.सावन में शिव कृपा से दूर होंगे दुर्योग

गुरु-चांडाल योग

– ज्योतिष के सबसे बड़े नकारात्मक योगों में से एक योग “गुरु-चांडाल” योग है.

– राहु और बृहस्पति के एक साथ होने पर यह योग बनता है.

– कुंडली में कहीं भी यह योग बनता हो हमेश नुकसान ही करता है

– इस योग के होने से व्यक्ति को पाचन तंत्र,लीवर की समस्या और गंभीर रोग होने की सम्भावना बनती है.

– साथ ही व्यक्ति धर्मभ्रष्ट हो जाता है, अपयश का सामना करना पड़ता है.

गुरु चांडाल योग को समाप्त करने के उपाय

– हमेशा बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें

– नियमित रूप से किसी भी धर्म स्थान या मंदिर में जाते रहें

– सावन में शिव जी का गन्ने के रस से अभिषेक कराएँ

– एक रुद्राक्ष की माला जरूर धारण करें

केमद्रुम योग

– चन्द्रमा से बनने वाला सबसे भयंकर योग माना जाता है.

– चन्द्रमा के दोनों तरफ कोई ग्रह न हो और चंद्रमा पर किसी ग्रह की दृष्टि न हो तो केमद्रुम योग बनता हो.

– यह योग होने पर मानसिक बीमारी, अवसाद और पागलपन जैसी स्थितियां बन जाती हैं .

– यह योग होने पर व्यक्ति को कभी कभी घोर दरिद्रता का सामना भी करना पड़ता है.

– यह योग बृहस्पति के मजबूत होने पर काफी हद तक कमजोर हो जाता है.

केमद्रुम योग को समाप्त करने के उपाय

– अपनी माता और स्त्रियों का सम्मान करें .

– सावन में भगवान शिव का दुग्ध से अभिषेक करवाएं

– शिव सहस्त्रनाम का पाठ करें

– गले में चांदी की चेन धारण करें .

विष योग

– ज्योतिष का सबसे रहस्यमयी और नकारात्मक योग है विष योग.

– शनि चन्द्रमा, या शनि राहु के सम्बन्ध से यह योग बनता है.

– इस योग के होने पर व्यक्ति नशे की आदत का शिकार होता है, दुश्चरित्र और अनैतिक हो जाता है.

– कभी कभी गंभीर दुर्घटना का शिकार भी होता है.

– आमतौर पर बड़ा अपराधी या आतंकी भी बन जाता है.  

विष योग को भंग करने के उपाय

– नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें , तुलसी दल का सेवन करें.

– पूरे सावन भर रुद्राष्टक का पाठ करें

– शिव जी को भांग और धतूरा अर्पित करें

– रुद्राक्ष की माला धारण करें.

ग्रहण योग

– सूर्य या चन्द्रमा से राहु का संयोग होने पर ग्रहण योग बन जाता है

– यह जिस जगह पर बनता है उस सुख को नष्ट कर देता है

– इसके होने पर व्यक्ति की खुशियों को ग्रहण लग जाता है

– कुंडली के शुभ योग काम नहीं करते   

ग्रहण योग को भंग करने के उपाय

– सावन के हर सोमवार को उपवास रखें

– शिवलिंग का केवल जलाभिषेक करें

– पूरे सावन ,शिव पंचाक्षरी स्तोत्र का प्रातः और सायंकाल पाठ करें

राहु केतु से बनने वाले योग

– राहु या केतु की ख़राब स्थिति कुंडली को बहुत तरीके से प्रभावित करती है

– इसको लोग कालसर्प दोष या पितृदोष का नाम भी देते हैं

– इनकी वजह से जीवन में लगातार उतार चढ़ाव होता है

– साथ ही जीवन के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं

राहु केतु के प्रभाव से बचने के उपाय

– सर्प की मुद्रिका धारण करें

– कच्चे दूध में दूर्वा डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें

– पूरे सावन भर नागिनी द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करें

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