मानव जीवन में सात प्रकार के सुख बताए गए हैं। जिनके होने पर मनुष्य अपने आप को धन्य मानता है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की साधना करके आप उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। औढरदानी कहलाने वाले भगवान शिव का इन मंत्रों के साथ जलाभिषेक करके जीवन के सभी सातों सुखों को प्राप्त किया जा सकता है।
पहला सुख निरोगी काया
एक बार जब अग्निदेव कई रोगों से ग्रस्त हो गए और कोई भी उपाय काम नहीं आया तब उन्होंने देवाधिदेव महादेव की साधना की। देवताओं ने भी अग्नि देव के स्वास्थ्य लाभ के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पिंगलेश्वर रूप में दर्शन दिए और उनके सभी रोगों को दूर कर दिया और कहा कि जो कोई मुझे पिंगलेश्वर रूप में पूजेगा, उसके सभी रोग आदि का नाश होगा। स्वस्थ जीवन के लिए इस शिवरात्रि पिंगलेश्वर महादेव का ध्यान करते हुए महामृत्युंजय मंत्र के साथ शिवलिंग का जलाभिषेक करें –
ॐ हृीं ग्लौं नम: शिवाय ।।
दूजा सुख घर में हो माया।
तमाम सुखों की कल्पना में हमारे यहां “माया” यानि धन संपत्ति को दूसरा सुख बताया गया है। ऐसे में यदि पहला यानी स्वस्थ जीवन के साथ माया भी मिल जाए तो इंसान का जीवन आनंदमय हो जाता है। भगवान शिव से सुख संपत्ति का आशीर्वाद पाने के लिए इस मंत्र के साथ जलाभिषेक करें –
ॐ हृौं शिवाय शिवराय फट् नम: ।।
तीसरा सुख पुत्र सुख
किसी भी व्यक्ति के पास पुत्र होना और पुत्र सुख होना दोनों अलग-अलग बात होती है। यही कारण है कि सुख की तमाम कामनाओं में एक आज्ञाकारी पुत्र को तीसरे सुख के रूप में गणना की जाती है। जीवन में पुत्र सुख की प्राप्ति के लिए पुष्पदंतेश्वर शिव का ध्यान करते हुए इस मंत्र के साथ जलाभिषेक करें।
ॐ हृीं हृीं कार्य सिद्धिं नम: शिवाय ।।
चौथा सुख मान-सम्मान
जीवन में चौथा सुख उस मान-सम्मान से जुड़ा हुआ है, जिसमें इंसान अपने पास राजा के जैसी शक्तियों की कल्पना करता है। सुख की ऐसी तमाम कामनाओं की पूर्ति के लिए सिद्धेश्वर शिव का ध्यान करते हुए इस मंत्र के साथ जलाभिषेक करें –
ॐ श्री मनोवांछितं देहि ॐ ॐ नम: शिवाय ।।