आज यानी 3 सितम्बर को जन्माष्टमी का उत्सव भी है और आज ही बाबा महाकाल की श्रावण की अंतिम शाही सवारी भी है जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आये हैं और लाखों की संखों में श्रद्धालुओं के चलते महाकाल की नगरी में चक्का जाम हो गया है जिस पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा लगाई है. भगवान महाकालेश्वर की सोमवार को निकलने वाली परंपरागत शाही सवारी में शामिल होने वाले भक्तों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रश्न ने बड़े स्तर पर तैयारियां की हैं.
अब आप सोच रहे होंगे कि श्रावण का महीना तो कब से खत्म हो चुका है, लेकिन आपको बता दें, महाकाल मंदिर में ये महोत्सव देश माह तक चलता है और इसी के चलते यहां प्राचीनकाल से श्रावण एवं भादौ महीने के प्रत्येक सोमवार को सवारी निकलती है.
3 सितम्बर को बाबा महाकाल की अंतिम सवारी निकाली जाएगी जिसमें दूर-दूर प्रान्त से लोग आएंगे. देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख भगवान महाकालेश्वर को यहां महाराजाधिराज के रुप में मानते हैं.
कहा जाता है कि ये सवारी हर साल उज्जैन से निकली जाती है और कई रस्ते बंद कर दिए जाते हैं. पालकी को दुल्हन के रूप में सजाया हटा है और कई हजारों क्विंटल में प्रसाद का वितरण किया जाता है. इस सवारी में शामिल होने वाले लोगों के दुःख को बाबा महाकाल हर लेते हैं.
इस बार शाही सवारी के साथ 3 सितंबर को जन्माष्टमी भी है इसलिए जिला प्रशासन ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. इसमें सम्पूर्ण पुलिस फोर्स के अलावा महिला पुलिस सहित लगभग डेढ़ हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. सवारी के सम्पूर्ण मार्ग के आसपास बैरिकेट्स लगाए गए हैं.