भगवान श्री कृष्ण, भगवान विष्णु का आठवां रूप माना गया है, कृष्ण का जन्म अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में हुआ था. भगवान श्रीकृष्ण ने वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से जन्म लिया था और जन्माष्टमी उसी शुभ घड़ी की याद दिलाती है.
हर साल की तरह इस बार भी जन्माष्टमी का त्यौहार खास तरीके से मनाया जायेगा. कान्हा के हर मंदिर में भक्तों की लम्बी कतार लगी हुई. आज के दिन लाखों भक्त श्रीकृष्ण दर्शन के लिए लम्बी कतार में खड़े रहते हैं. इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है. हर जगह मटकी फोड़ जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे और हर्षो उल्लास के साथ जन्माष्टमी मनाई जाएगी.
गौरतलब है कि कान्हा को माखन मिश्री अधिक पसंद है इसलिए उनके 56 भोग में माखन मिश्री को विशेष रूप से रखा जाता है. श्री कृष्ण की पूजा के दौरान अगर आप अपनी राशि के अनुसार श्री कृष्ण मंत्रो का जाप करेंगे तो आपको अधिक लाभ होगा..
श्री कृष्ण मंत्र :
मेष राशि : ॐ मयूराय नम:
वृषभ राशि : ॐ केशवाय नम:
मिथुन राशि : ॐ परब्रम्ह नम:
कर्क राशि : ॐ निर्गुणाय नम:
सिंह राशि : ॐ रविलोचनाय नम:
कन्या राशि : ॐ पुरुषोत्तम नम:
तुला राशि : ॐ साक्षी नम:
वृश्चिक राशि : ॐ सहसाकाश नम:
धनु राशि : ॐ सहसाजिताय नम:
मकर राशि : ॐ पद्महस्ताय नम:
कुंभ राशि : ॐ सहस्रपाद नम:
मीन राशि : ॐ निरंजनाय नम:
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।