0 दिवसीय गणेशोत्सव 13 से 23 सितंबर तक मनाया जाएगा। 2018 में आने वाली भाद्रपद मास की चतुर्थी पर 120 साल बाद गुरु स्वाति योग बनने जा रहा है। इस तिथि के देवता गणपति बप्पा हैं। बृहस्पतिवार के दिन इस शुभ दिन का आगमन हो रहा है, ये दिन ज्ञान के प्रदाता कहे जाने वाले देव गुरू बृहस्पति को समर्पित है। विद्वानों का कहना है, इस दिन बप्पा की प्रतिमा घर लाना ऋद्घि-सिद्धि प्रदान करेगा और शुभ लाभ से महक जाएगा आपका घर-आंगन।
वैदिक पंचांगों की मानें तो चतुर्थी पर गुरु स्वाति संयोग के चलते बप्पा की प्रतिमा घर लाना सर्व सिद्धिदायक रहेगा। 27 नक्षत्रों में स्वाति नक्षत्र 15वें स्थान पर आता है। इसके स्वामी राहु ग्रह हैं और देवता वायु एवं वरुण कहे गए हैं।
इस दिशा में स्थापित करें बप्पा की प्रतिमा
पूर्व दिशा के ईशान कोण में गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति विराजित करने से घर में लक्ष्मी सदा के लिए वास करने लगती हैं।
मध्य उत्तर दिशा से वायव्य कोण में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से बप्पा सदा अपने भक्त के साथ सुरक्षा कवच के रूप में रहते हैं। यदि आपके किसी काम में बार-बार अड़चनें आ रही हैं यह दिशा आपके लिए संजीवनी बूटी के समान काम करेगी।
पश्चिम दिशा में बप्पा को स्थापित करने से लाइफ टेंशन फ्री हो जाएगी। खुशनुमा जीवन का आगाज़ होगा।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।