भगवान राम को विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। इस अवतार में अयोध्या के राजा दशरथ को राम के पिता और देवी कौशल्या को इनकी माता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। हो सकता है कि आपके मन कभी यह सवाल आया हो कि आखिर दशरथ और कौशल्या को यह सौभाग्य क्यों मिला तो इसका उत्तर पुराणों में मिलता है।
पुराणों के अनुसार राजा दशरथ पूर्व जन्म में स्वायम्भु मनु थे और कौशल्या इनकी पत्नी शतरूपा थी। इन्होंने भगवान विष्णु को पुत्र रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की। इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए और इनसे वर मांगने के लिए कहा।
सवायम्भु मनु और शतरूपा ने भगवान से कहा कि आप हमारे पुत्र बनें हमें यही वरदान चाहिए। भगवान विष्णु ने कहा कि त्रेतायुग में मेरा सातवां अवतार राम के रूप में होगा। उस अवतार में आप दोनों अयोध्या के महाराजा और महारानी बनेंगे।
अपने इसी वरदान को पूरा करने के लिए भगवान राम दशरथ और कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्म लिए। राजा दशरथ ही कृष्ण अवतार के समय वासुदेव और कौशल्या देवकी बने थे। कैकेय ने राम से कहा था कि तुम मेरे मैं तुम्हें अगले जन्म में पुत्र रूप में प्राप्त करूं, इसलिए कैकेय यशोदा बनीं और उन्हें भी कृष्ण की माता बनने का सौभाग्य मिला।