भारत में तीर्थ स्थलों और धार्मिक स्थानों की कमी नहीं है। यहां कहीं न कहीं कोई न कोई अनोखी व विचित्र जगह देखने को मिल ही जाती है। कई स्थान चमत्कारों की वजह से प्रसिद्ध है तो कई वहां हुई हैरत कर देने वाली बातों की वजह से। हम चाहे जितने भी आधुनिक विचारों वाले हो जाए लेकिन कुदरत हमें सोचने पर मज़बूर कर देती है। ऐसे ही कई कारणों की वजह से लोगों की आस्था उस चीज़ के प्रति बढ़ जाती है।
आईए जानते हैं इस जगह के बारे में-
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भरतकूप नामक कुआ वहीं है जहां दूर से दूर से लोग अपनी बीमारियां के नाश के लिए आते हैं। वैसे तो हम सबको ऐसे हज़ारों कुओं के बारे में पता होगा जिनका पानी शरीर संबंधी रोगो से छुटकारा देता है लेकिन इस कुएं की बात ही है निराली है।
आईए जानते हैं-
जब प्रभु श्रीराम चौदह साल का वनवास काटने के लिए चित्रकूट आए थे उस समय भरत जी अयोध्या की जनता के साथ उन्हें राज्याभिषेक के लिए मनाने हेतु समस्त तीर्थों का जल भी लाए थे। परंतु भगवान राम ने चौदह साल वन में रहने की जिद्द ठानी थी। इस पर भरत जी काफी निराश हुए और जो जल व सामग्री प्रभु के राज्याभिषेक के लिए लाए थे, उसको इसी कूएं में डाल दिया था और भगवान राम की खड़ाऊ लेकर लौट गए थे। माना जाता है कि ये वहीं कुआं है जिसे भरतकूप के मान से जाना जाता है।
यहां बना भरत मंदिर भी अत्यंत सुंदर है। इस मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन की मूर्तियां विराजमान हैं। भारत के कोने-कोने से लोग इस कुएं के जल से स्नान करने आते हैं और इसके साथ ही यहां बने भरत मंदिर के दर्शन भी करते हैं।
वैसे तो पूरा साल यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन मकर संक्रांति के दिन यहां ज्यादा भीड़ उमड़ती है। माना जाता है कि इस दिन यहां स्नान करने से समस्त तीर्थों का पुण्य तो मिलता ही है साथ ही शरीर के पुराने से पुराने रोग भी दूर होते हैं। इस जल के सेवन से कुष्ट रोग जैसे रोग दूर होते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।

