कहते हैं मोक्षदा एकादशी को अगर व्रत विधि पूर्वक किया जाए तो मनुष्य के सभी बुरे दोष खत्म हो जाते हैं और उसे जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस साल मोक्षदा एकदशी व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी 18 दिसंबर 2018 मंगलवार को है. तो आइए जानते हैं इसकी व्रत कथा जिसे पढ़ने से बहुत लाभ मिलता है.
मोक्षदा एकादशी व्रत कथा- प्राचीन गोकुल नगर में वैखानस नामक एक राजा था. उसके राज्य में चारों वेदों के ज्ञाता ब्राह्माण रहते थे. एक रात स्वप्न में राजा को अपने पिता को नर्क में पड़ा देख बहुत दु:ख हुआ. उसने अपने स्वप्न की बात ब्राह्मणों से कहते हुए पिता को मुक्ति दिलाने का उपाय बताने को कहा. राजा की बात सुन ब्राह्मणों ने भूत-भविष्य के ज्ञाता “पर्वत” नाम के मुनि के पास जाने को कहा. राजा मुनि के आश्रम पहुंचे और उन्हें प्रणाम करके सारी बात बताई.
राजा की बात सुनकर मुनि ने आंखे बंद कर ली और कुछ देर बाद कहा कि आपके पिता ने अपने पिछले जन्म में एक बुरा कर्म किया था और उसी पाप कर्म के फल से वे नर्क में गए है. यह सुन राजा ने ऋषि से अपने पिता का उद्धार करने की प्रार्थना की. राजा की विनती पर ऋषि ने कहा कि मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का उपवास करने से उनके पिता को मुक्ति मिलेगी. इसके बाद राजा ने अपने परिवार सहित मोक्षदा एकादशी का उपवास किया और उस उपवास के पुण्य को राजा ने अपने पिता को दे दिया. उस पुण्य के प्रभाव से राजा के पिता को मुक्ति मिल गई.