होली के दिन (पूर्णिमा) सुबह जल्दी स्नान कर स्वच्छ थाली में बिना इस्तेमाल किया खाने का तेल, बेसन और उड़द के आटे को गूंथ कर हनुमानजी की मूर्ति बनाएं, इस मूर्ति को आप बाजार से लाई किसी मूर्ति को देखकर भी तैयार कर सकते हैं।

पूर्ण श्रद्धा से पूजन कर प्राण-प्रतिष्ठा करें। प्रतिमा के सन्मुख तेल और घी का दीपक जलाएं तथा मीठे पूए, दूध से बनी मिठाई आदि का भोग लगाएं।इसके बाद 27 पान के पत्ते तथा सुपारी आदि मुख शुद्धि की वस्तुएं लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें।इसके बाद 108 बार इस मंत्र का जप करें -मंत्र- नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।इसके पश्चात हनुमानजी की आरती, स्तुति करके मनोकामना का स्मरण करें और प्रार्थना कर इस मूर्ति को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें।इसके बाद किसी ब्राह्मण या भूखे व्यक्ति को भोजन कराकर व दान देकर ससम्मान विदा करें। ऐसा करने से शीघ्र ही बजरंगबली मनोकामना पूरी करते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।