प्रदोष व्रतभगवान शिव की अराधना और पूजा के सबसे बड़े दिनों में से एक है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने से सभी संकटों का नाश होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है। इस साल यानी 2019 में 24 प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं। जून में भी दो प्रदोष व्रत हैं। पहला प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) 14 जून को और फिर दूसरा 30 जून (कृष्ण पक्ष, आषाढ़) को पड़ रहा है।
कैसे करें प्रदोष व्रत में पूजा
प्रदोष व्रत के मौके पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। यह पूजा शाम को सूर्यास्त से ठीक पहले की जाती है। पूजा करने से पहले स्नान करें और पवित्र श्वेत वस्त्र पहनकर पूजा करने बैठे। संभव हो तो उत्तर-पूर्व की ओर मुंह करते हुए पूडा के स्थान पर बैठें।
इसके बाद पांच रंगों से रंगोली बनाए और पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। अभिषक के बाद विधिवत पूजा करें और मिठाई, फल आदि का भोग भगवान शिव को लगाएं।
मान्यताओं के अनुसार इस पूजन को करने से शिव की कृपा प्राप्त होती है। खासकर आर्थिक संकटों से जूझ रहे लोगों को इससे विशेष लाभ होता है। इस रोग को करने से कई रोग भी भगवान शिव की कृपा से दूर होते हैं।
अविवाहित लड़के-लड़कियों के लिए भी इस पूजन का महत्व है। उन्हें योग्य वर-वधू मिलते हैं। साथ ही समृद्धि और सौभाग्य का भी वरदान मिलता है और आयु लंबी होती है। पुत्र की कामना करने वालों को भी इस व्रत को करना चाहिए।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।