हिंदू धर्म में गुरु और ईश्वर दोनों को एक समान माना गया है। गुरु भगवान के समान है और भगवान ही गुरु हैं। गुरु ही ईश्वर को प्राप्त करने और इस संसार रूपी भव सागर से निकलने का रास्ता बताते हैं। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर व्यक्ति शान्ति, आनंद और मोक्ष को प्राप्त करता है। शास्त्रों और पुराणों में कहा गया कि अगर भक्त से भगवान नाराज हो जाते हैं तो गुरु ही आपकी रक्षा और उपाय बताते हैं। महान संत और कवि कबीरजी का गुरु और भगवान के बारे में विश्व प्रसिद्ध दोहे रचना की है-
गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागूं पाँय।
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय॥
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
